मुद्रास्फीति जोखिम के चलते रुपया निचले स्तर पर, RBI की चिंता बढ़ी
नई दिल्ली, 12 मई: भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर गिर गया। जिस वजह से बांड और स्टॉक पर भी संकट मंडरा रहा है। ऐसे में अगर आप डॉलर में कारोबार कर रहे हैं, तो आपको सोच-समझकर काम करने की जरूरत है, वर्ना आपको घाटा उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा मुद्रास्फीति में तेजी केंद्रीय बैंक की चिंता बढ़ा रही है। जिस वजह से वो सख्त फैसले ले सकता है।
वहीं गुरुवार को रुपया 0.5% की गिरावट के साथ 77.6313 प्रति डॉलर पर आ गया, जबकि बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की मजबूती के साथ 77.24 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। गिरावट की वजह से रुपया इस हफ्ते दूसरी बार रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही बेंचमार्क सेंसेक्स इंडेक्स 1.7% गिरकर दो महीने में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा।
मामले में एक एक्सपर्ट ने कहा कि बाजार में उथल-पुथल है। मुद्रास्फीति लगातार चिंता बढ़ा रही। जिस वजह से आरबीआई जून की मौद्रिक नीति की बैठक में मुद्रास्फीति का अनुमान लगाएगा। ऐसे में अगस्त तक ब्याज दरों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है।
रुपया
गिरने
से
जनता
पर
क्या
असर?
भारत
कच्चा
तेज,
इलेक्ट्रिक
उपकरण,
खाने-पीने
का
बहुत
सा
सामान
आदि
विदेशों
से
आयात
करता
है।
अब
रुपया
कमजोर
होने
से
ये
सब
महंगे
हो
सकते
हैं।
वहीं
अगर
आप
विदेश
घूमने
या
इलाज
कराने
जा
रहे
हैं,
तो
आपको
ज्यादा
पैसे
खर्च
करने
पड़ेंगे।
रुपया
गिरने
से
उन
लोगों
को
राहत
है,
जो
विदेश
में
रहते
हैं
और
वहां
से
भारत
में
परिवार
के
लिए
पैसे
भेजते
हैं।
शेयर बाजार में भारी गिरावट जारी, एक हफ्ते में सेंसेक्स 2500 अंक गिरा, मार्केट क्रैश से अरबों डूबे
विपक्ष
सरकार
पर
हमलावर
वहीं
रुपया
टूटने
से
विपक्षी
दल
लगातार
सरकार
पर
हमला
कर
रहे
हैं।
हाल
ही
में
राहुल
गांधी
ने
ट्वीट
कर
लिखा
था
कि
जब
रुपये
गिरता
था
तो
मोदी
जी
मनमोहन
सिंह
की
आलोचना
करते
थे।
अब
रुपये
सबसे
कम
मूल्य
पर
है,
लेकिन
मैं
आंख
मूंदकर
आपकी
आलोचना
नहीं
करूंगा।
रुपया
गिरना
निर्यात
के
लिए
अच्छा
है
बशर्ते
हम
निर्यातकों
को
पूंजी
के
साथ
समर्थन
दें
और
रोजगार
सृजित
करने
में
मदद
करें।
हमारी
अर्थव्यवस्था
के
प्रबंधन
पर
ध्यान
दें,
ना
कि
मीडिया
की
सुर्खियों
पर।