अगले साल अप्रैल माह से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी हो सकती है कम, जानिए वजह
नई दिल्ली। प्राइवेट कर्मचारियो की सैलरी में अगले वर्ष से गिरावट देखने को मिल सकती है। दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में नया वेतन नियम का नोटिफिकेशन जारी किया है, ऐसे में कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में अगले साल से कमी देखने को मिल सकती है। कर्मचारियों को यहां यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि नए वेतन नियम में मुआवजा नियमों को भी शामिल किया गया है, लिहाजा माना जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष में अप्रैल माह से यह लागू हो सकता है।
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बेसिक सैलरी से 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता भत्ता
नए नियम के अनुसार कर्मचारियों को दिया जाने वाला भत्ता उनकी सैलरी में 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है। लिहाजा नए नियम के अनुसार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती है। ऐसे में इस नए नियम के लागू होने के बाद कर्मचारियों का भत्ता सैलरी से 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है। लिहाजा इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की ग्रैच्युटी व कर्मचारियों द्वारा पीएफ राशि में योगदान बढ़ जाएगा। लिहाजा कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कमी हो सकती है।
प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
कर्मचारियों की ग्रैच्युटी व पीएफ में योगदान में बढ़ोतरी के अलावा कर्मचारियों का रिटायरमेंट कॉर्पस भी बढ़ेगा। ऐसे में इन बढ़ोतरी की वजह से टेक होम सैलरी में कमी देखी जा सकती है। मौजूदा समय में अधिकतर प्राइवेट कंपनियां भत्ते वगैरह सैलरी से 50 फीसदी अधिक का हिस्सा टेक होम सैलरी के तौर पर देती हैं। कर्मचारियों के भत्ते सैलरी से अधिक होती है। लेकिन नए नियम लागू होने के बाद कंपनियों को इसमे बदलाव करना होगा। जिन प्राइवेट कर्मचारियों को भत्ते बेसिक सैलरी की तुलना में 50 फीसदी से अधिक मिलते हैं, उनकी टेक होम सैलरी पर प्रभाव पड़ेगा।
कंपनियों का खर्चा बढ़ेगा
वहीं इस नए नियम के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कर्मचारियों की सोशल सेक्युरिटी रिटायरमेंट के बाद बढ़ेगी। नए नियम के लागू होने के बाद कंपनियों की लागत में भी बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि कंपनी को कर्मचारी के पीएफ व ग्रैच्युटी में अधिक योगदान करना होगा। विशेषज्ञों की मानें तो अगर नए नियम लागू हुए तो कंपनी पर 10-12 फीसदी का अधिक खर्च बढ़ेगा। बता दें कि पिछले वर्ष संसद में नया वेतन नियम लागू पास किया गया था। नए नियमों पर आम जनता की राय लेने के बाद इसे लागू किया जाएगा।