इन पांच खासियतों की वजह से चंद्रशेखरन बनेंगे टाटा के चेयरमैन
टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद की उम्मीदवारी की इस दौड़ में सबसे आगे हैं नटराजन चंद्रशेखरन, जानिए इनकी 5 खास बातें।
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद से ही अगले चेयरमैन की तलाश शुरू हो गई है। इस तलाश के दौरान कई नाम सामने आए हैं, जिनमें पेप्सिको की सीईओ इंद्रा नूयी, वोडाफोन ग्रुप के पूर्व प्रमुख अरुण सरीन, टाटा रिटेल यूनिट ट्रेन्ट के चेयरमैन नोएल टाटा और करीब तीन टाटा ग्रुप में अपनी सेवाएं दे रहे लोग हैं।
इन तीन लोगों में हैं टीसीएस के सीईओ एन चंद्रशेखरन, उनसे पहले के सीईओ एस रामादोराई और जगुआर लैंडरोवर को प्रमुख रॉल्फ स्पेथ। टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद की उम्मीदवारी की इस दौड़ में सबसे आगे हैं नटराजन चंद्रशेखरन, लेकिन क्या आपको पता है कि वे इस सबसे से सबसे मजबूत उम्मीदवार क्यों हैं? आइए जानते हैं, क्या खास है एन चंद्रशेखरन में जो उन्हें इस पद का सबके मजबूत दावेदार बनाता है।
1- सबसे अच्छी परफॉर्मेंस
एन चन्द्रशेखरन टीसीएस कंपनी के सीईओ हैं, जो सबसे टाटा ग्रुप की सबसे अधिक रिवेन्यू देने वाली कंपनी है। यह टाटा ग्रुप की उन चंद कंपनियों में से एक है, जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। चन्द्रशेखरन को सिर्फ एक ही व्यक्ति चुनौती देने की स्थिति में है, जो हैं जगुआर लैंड रोवर के सीईओ रॉल्फ स्पेथ। चन्द्रशेखरन के समय में ही टीसीएस को 2015 में दुनिया का सबसे ताकतवर आईटी सेक्टर के ब्रांड का दर्जा मिला था।
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2- यंग परफॉर्मर
भले ही एन चन्द्रशेखरन की उम्र 53 साल है, लेकिन अगर अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के सीईओ से तुलना की जाए तो रॉल्फ स्पेथ से चन्द्रशेखरन की उम्र कम है। रॉल्फ की उम्र 61 साल है। इनके अलावा टाटा ग्रुप का सिर्फ एक ही अन्य व्यक्ति है, जो हैं रामादोराई, टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद के दावेदार हैं, लेकिन उनकी उम्र भी 71 साल है।
3- हमेशा दिया टीसीएस का साथ
ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जो किसी कंपनी के साथ एक लंबे वक्त तक जुड़े रहते हैं। एन चन्द्रशेखरन ऐसे ही लोगों में से एक हैं। उनकी पहली नौकरी सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर टीसीएस में लगी थी और तब से लेकर आज तक उन्होंने कंपनी नहीं छोड़ी है। 2009 में अपने अच्छे काम की वजह से ही उन्हें कंपनी का सीईओ बना दिया गया।
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4- बोर्ड ऑफ डायरेक्टर
25 अक्टूबर 2016 को एन चन्द्रशेखरन को टाटा संस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा वह 2016 में ही भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी बने हैं।
5- ये भी हैं खासियतें
एन चन्द्रशेखरन 2012-13 के बीच में नैसकॉम के चेयरमैन रहे हैं। इसके अलावा दावोस में 2015-16 के दौरान हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में आईटी इंडस्ट्री गवर्नर्स के चेयरपर्सन रहे हैं।
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इसके अलावा उन्होंने भारत-अमेरिका फोरम और भारत-ब्रिटेन फोरम में भी एक अहम भूमिका अदा की है। साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जापान और मलेशिया के लिए भारत की बिजनेस टास्कफोर्स का भी एक हिस्सा हैं।