आज जारी होंगे पहली तिमाही की GDP आंकड़े, अर्थव्यवस्था के भारी मंदी की आशंका
नई दिल्ली। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ के प्रारंभिक आधिकारिक अनुमान आज जारी किए जाएंगे। देश के सेंट्रल बैंक आरबीआई से लेकर दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियां जीडीपी में भारी गिरावट की आशंका जता रहे हैं। जीडीपी में साल-दर-साल आधार पर 16 से 25 प्रतिशत के बीच की गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं, जो रिकॉर्ड निचला स्तर होगा।
मौजूदा अनुमानों के अनुसार इस तिमाही में सकल मूल्यवर्धित वृद्धि (जीवीए) में गिरावट 19-25 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। अप्रैल-जून के अनुमान कुल आईआईपी डेटा, राज्यों और केंद्र के व्यय के मासिक खाते, कृषि उत्पादन के अलावा परिवहन, बैंकिंग और बीमा जैसे क्षेत्रों के प्रदर्शन आदि पर आधारित हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में मंदी में फिसल सकती है। अगर ऐसा होता है तो ये 40 साल में पहली बार होगा।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अनौपचारिक सेक्टर के सर्वे के आंकड़े उपलब्ध होने पर जीडीपी में गिरावट को 25 प्रतिशत तक संशोधित किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सेक्टर जैसे क्षेत्र, जिनका देश की जीडीपी में लगभग 45 फीसदी हिस्सा है, पहली तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के मुताबिक 'लॉकडाउन' तिमाही में साल-दर-साल की मूल कीमतों में जीडीपी और जीवीए में गिरावट लगभग 25 प्रतिशत रहेगी।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च भी 17.03 प्रतिशत की निगेटिव ग्रोथ के अनुमान के लिए कोरोना की वजह से कारोबारी अड़चनों की तरफ इशारा करती है। एसबीआई के ग्रुप मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में रियल जीडीपी डी-ग्रोथ लगभग -16.5 प्रतिशत होगी। रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 7% तक हो सकता है। बजट में इसके 3.5 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया गया था। मिंट में छपी खबर के मुताबिक, दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशें में ब्रिटेन की जीडीपी में अब तक सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 30 जून को खत्म हुए क्वार्टर में ब्रिटेन की जीडीपी में 21.7% की कमी देखने को मिली।