मूडीज का अनुमान: इस वित्त वर्ष 0% रह सकती है भारत की GDP ग्रोथ
नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के संकट की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि शून्य रह सकती है। व्यापक वित्तीय घाटे, उच्च सरकारी ऋण, कमजोर सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे और एक नाजुक वित्तीय क्षेत्र इस ओऱ इशारा कर रहे हैं कि, 2020-21 में भारत की ग्रोथ 0% पर ठहर सकती है। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने कोविड-19 महामारी से उपजे संकट को लेकर भारत के विकास के पूर्वानुमान में कटौती की है।
एजेंसी ने कहा कि कोरोना के संकट के चलते भारत पूरी तरह से थम गया है और इस साल इसका असर देखने को मिलेगा। एजेंसी ने कहा कि केंद्र सरकार के घाटे के लक्ष्य, राज्य स्तर के घाटे का विस्तार, माल और सेवा कर को लागू करने में चुनौतियों से लगातार फिसलन यह दर्शाती है कि राजकोषीय नीति निर्धारण "कम प्रभावी" रहा है। कोविड-19 का तेजी से प्रसार, वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण में गिरावट, तेल की कीमतें गिरना और वित्तीय बाजार में उथल-पुथल भारी संकट पैदा कर रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लंबे समय से चल रहे आर्थिक संकट, नौकरियों के सृजन में कमी और अब एनबीएफसी के नकदी संकट में घिरने के चलते भारत की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में जा सकती है। मूडीज ने इससे पहले पिछले महीने के अंत में कैलेंडर वर्ष 2020 में जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया था। बता दें कि हाल ही में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 2 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया था।
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