जेटली ने कहा- नेहरू के विकास मॉडल से नहीं हुआ देश में कोई विकास
मुंबई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जैसा जनता विश्वास करती है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव आर्थिक मसीहा थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।
यूपीए सरकार ने प्रॉडक्टीविटी को खारिज करने का काम किया है और आजादी के बाद नेहरू के मॉडल ने कोई विकास नहीं हुआ।
1 फीसदी भी नहीं पहुंची विकास दर
मुंबई में जीएसटी पर चर्चा के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जेटली ने कहा कि विकास के नेहरू मॉडल के कारण देश के विकास की दर 1 फीसदी तक भी नहीं पहुंच सकी थी।
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उन्होंने कहा कि विकास में नेहरू मॉडल ने कोई मदद नहीं की। 1 फीसदी से भी कम लोगों के पास मोबाइल फोन है। दूसरी देश विकास कर रहे थे लेकिन भारत नहीं, हम उस मॉडल को फॉलो कर रहे थे और कुछ लोग उस मॉडल की बड़ाई करते हैं।
नरसिम्हा नहीं थे आर्थिक मसीहा
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के बारे में जेटली ने कहा कि 'वो आर्थिक मसीहा नहीं थे। वो एक गठबंधन सरकार के मुखिया थे और आर्थिक दबाव में उन्हें 1991 में सुधार लागू करने पड़े थे अन्यथा वो रुढ़िवादी थे।'
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करो पर जोर देते हुए जेटली ने कहा कि जब ज्यादा से ज्यादा लोग कर दें तो उनकी सरकार यह सोच सकती है कि करों की दर कम की जाए। उन्होंने कहा कि अगर आप बैंको से पैसा ले रहे हैं तो उसे वापस करने का भी ध्यान रखिए।
कर चोरी और कर में कमी एक साथ नहीं हो सकती
जेटली ने कहा कि कर चोरी और करों में कमी, दोनों एक साथ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि 'करों से बच निकलना मतलब करों का आसाधारण आकार।'
जीएसटी के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि राज्यों में भी यह बिल पास कराएं। बता दें कि कम से कम 17 राज्यों में जीएसटी का पास होना आवश्यक है।