रातोंरात धनवान बनने का सपना देखने वालों को झटका! क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को लेकर सख्त हुई सरकार
नई दिल्ली, 25 मार्च। दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का काफी क्रेज है। क्रिप्टोकरेंसी अलग- अलग देशों के अपने नियम हैं। वहीं भारत सरकार अब क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियम कड़े कर दिए हैं। केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक-2022 (Finance Bill 2022) में दबलाव करते हुए क्रिप्टो टैक्स के नियमों और सख्त करने का प्रस्ताव दिया है। अब वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDA) के ट्रांसफर से होने वाले घाटे की भरपाई अन्य VDA (Virtual Digital Assets) के स्थानांतरण से होने वाली आय के जरिए करने की अनुमति नहीं होगी।
संसद में लोकसभा सदस्यों ने शुक्रवार को 'वित्त विधेयक-2022' पारित कर दिया। नए वित्त विधेयक में सरकार ने कुल 39 संशोधन प्रस्तावित किए हैं। वहीं इससे पहले गुरुवार को, वित्त विधेयक में संशोधन के हिस्से के रूप में, सरकार ने अन्य आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों से लाभ के साथ किसी भी नुकसान की भरपाई की अनुमति देकर क्रिप्टोकरेंसी के कराधान के मानदंडों को कड़ा करने का प्रस्ताव दिया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्त विधेयक संशोधन में यह स्पष्ट किया कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों और अन्य वीडीए की खनन लागत या उनके हस्तांतरण से होने वाले नुकसान के स्थान पर कोई कर कटौती या सेट ऑफ उपलब्ध नहीं होगा। प्रस्तावित वित्त विधेयक, 2022 में संशोधन के अनुसार, मंत्रालय ने आभासी डिजिटल संपत्ति में लाभ से होने वाले नुकसान की भरपाई से संबंधित खंड से 'अन्य' शब्द को हटाने का प्रस्ताव किया है। इसका मतलब यह होगा कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को दूसरे वीडीए के हस्तांतरण से होने वाली आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वित्त विधेयक, 2022 के अनुसार, वीडीए एक कोड या संख्या या टोकन हो सकता है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्थानांतरित, संग्रह या व्यापार में प्रयोग किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी
टैक्स
(crypto
tax)
के
नियम
हुए
कड़े
गुरुवार
को
अन्य
आभासी
डिजिटल
संपत्तियों
(Virtual
Digital
Assets)
से
लाभ
के
साथ
किसी
भी
नुकसान
के
सेट-ऑफ
को
बंद
करके
क्रिप्टोकरेंसी
पर
टैक्स
नियमों
कड़ा
करने
का
प्रस्ताव
दिया।
इस
पर
लोकसभा
ने
शुक्रवार
को
वित्त
विधेयक
2022
को
मंजूरी
दे
दी।
इसके
साथ
ही
कुल
39
संशोधन
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
द्वारा
पेश
किए
गए
जिन्हें
स्वीकार
किया
गया।
इन
प्रस्तावित
संशोधनों
को
विपक्ष
द्वार
ध्वनि
मत
से
खारिज
किया
गया।
इसके
बाद
निचले
सदन
द्वारा
वित्त
विधेयक
को
मंजूरी
दी
गई
थी।
अब
एक
वर्ष
में
10,000
रुपये
से
अधिक
की
आभासी
संपत्ति
(Virtual
Digital
Assets)
के
भुगतान
पर
1
प्रतिशत
टीडीएस
और
प्राप्तकर्ताओं
के
लिए
टैक्स
का
प्रस्ताव
रखा।
टीडीएस
प्रावधान
एक
जुलाई
से
लागू
होगा।
केंद्रीय
बजट
2022-23
में
1
अप्रैल
से
प्रभावी
30
प्रतिशत
की
दर
से
क्रिप्टो
परिसंपत्तियों
पर
कर
लगाने
का
प्रस्ताव
किया
गया।
VDA में क्रिप्टोकरेंसी और NFT शामिल
वीडीए में क्रिप्टोकरेंसी और 'नॉन फंजिबल टोकन' (NFT) शामिल है, जिसके प्रति हाल के दिनों में आकर्षण बढ़ा है। अब वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDA) के ट्रांसफर से होने वाले घाटे की अन्य वीडीए के स्थानांतरण से होने वाली आय के जरिए भरपाई की अनुमति नहीं होगी। वित्त विधेयक, 2022 के अनुसार वर्चुअल डिजिटल संपत्ति कोड या संख्या अथवा टोकन हो सकता है, जिसे स्थानांतरित किया जा सकता है या फिर उसे रखा जा सकता है अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार किया जा सकता है।
एक
अप्रैल
से
लागू
होगा
टैक्स
कांग्रेस
ने
शुक्रवार
को
कहा
कि
केंद्र
सरकार
को
क्रिप्टोकरेंसी
पर
रुख
स्पष्ट
करना
चाहिए।
जिसके
बाद
वित्त
वर्ष
2022-23
के
बजट
(Budget
2022-23)
में
क्रिप्टो
संपत्ति
पर
आयकर
लगाने
को
लेकर
चीजें
स्पष्ट
की
गयी
।
एक
अप्रैल
से
ऐसे
लेन-देन
से
होने
वाली
आय
पर
30
प्रतिशत
आयकर
के
साथ
सेस
और
सरचार्ज
लगाया
जाएगा।
यह
टैक्स
लॉटरी
या
फिर
सट्टे
वाले
लेन-देन
से
होने
वाले
लाभ
पर
लगने
वाले
टैक्स
जैसा
होगा।
क्या
है
Virtual
Digital
Assets?
बिल
के
अनुसार,
वीडीए
एक
कोड
या
नंबर
या
टोकन
हो
सकता
है
जिसे
इलेक्ट्रॉनिक
रूप
से
ट्रांसफर,
स्टोर
या
ट्रेड
किया
जा
सकता
है।
वीडीए
में
प्रचलित
क्रिप्टोकरेंसी
और
अपूरणीय
टोकन
(NFT)
शामिल
होंगे।
यह
सरकार
द्वारा
वित्त
विधेयक,
2022
में
प्रस्तावित
39
संशोधनों
का
हिस्सा
है।