
LIC IPO के आखिरी दिन 2.95 गुना हुआ सब्सक्राइब, FII से मिला बुरा रिस्पॉन्स
नई दिल्ली, 09 मई: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) को आखिरी दिन तक निवेशकों से 2.95 गुना अधिक बोलियां मिलीं। इस तरह सरकार करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही। सरकार की ओर से एलआईसी के आईपीओ के तहत 16.2 करोड़ इक्विटी की पेशकश की गई थी। शेयर बाजारों पर शाम सात बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, इन शेयरों के लिए निवेशकों की तरफ से 47 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं।

पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी) श्रेणी के शेयरों को 2.83 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस श्रेणी के लिए आरक्षित 3.95 करोड़ शेयरों के लिए 11.20 करोड़ बोलियां लगाई गईं। पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित हिस्से को लगभग छह गुना सब्सक्राइब किया गया है। कर्मचारियों के हिस्से को 4.3 गुना सब्सक्राइब किया गया है।गैर-संस्थागत निवेशक (एनआईआई) श्रेणी के तहत 2,96,48,427 शेयरों की पेशकश की गई थी, जिनके लिए 8,61,93,060 बोलियां लगाई गईं। इस तरह एनआईआई खंड को 2.91 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है।
खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों ने 6.9 करोड़ शेयरों की पेशकश पर 13.77 करोड़ शेयरों की बोलियां लगाईं। इस खंड में 1.99 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित खंड में छह गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला है, जबकि एलआईसी के पात्र कर्मचारियों के खंड में 4.4 गुना बोलियां मिली हैं। एलआईसी आईपीओ 4 मई को खुला था। इस निर्गम के लिए 902-949 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया गया था। वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से खराब प्रतिक्रिया मिली है।
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इसमें पात्र पॉलिसीधारकों एवं कर्मचारियों के लिए कुछ शेयर आरक्षित रखे जाने के अलावा उन्हें छूट भी दी गई थी। एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ है। इसके पहले वर्ष 2021 में आया पेटीएम का आईपीओ 18,300 करोड़ रुपये का था। उससे पहले वर्ष 2010 में कोल इंडिया का आईपीओ करीब 15,500 करोड़ रुपये का था।एलआईसी का गठन एक सितंबर, 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर किया गया था।