भारतीयों में कम हो रहा है सोना खरीदने का शौक!
बेंगलुरु। महान कवि रहीम ने लिखा है- कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय नर, वा पाये बौराय।। यहां एक कनक धतूरा है और दूसरा कनक सोना, धतूरा खाने के बाद और सोना पाने के बाद इंसान बौरा जाता है। खैर शायद अब ये बातें भारत के लिये इतिहास होने वाली हैं, क्योंकि भारतीयों में सोने के प्रति चाहत खत्म हो रही है।
यह हम नहीं बल्कि पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े कह रहे हैं। वित्त मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर इंडिया स्पेंड ने एक विशेष लेख में लिखा है कि भारतीयों में सोना खरीदने का चलन बहुत तेजी से कम हो रहा है।
भारत ने जहां 2011-12 में 1,078.35 सोना खरीदा था, वहीं 2013-14 में मात्र 661.71 टन सोना ही खरीदा। यानी इस क्षेत्र में 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि गिरते हुए रुपए को बचाने के लिये भारत सरकार ने सोने पर आयात कर बढ़ा दिया। जबकि भारतीय बाजारों में सोने के भाव उतने नहीं बढ़े, जितने बढ़ने की आशंका जतायी जा रही थी। वहीं बात अगर दामों की गिरावट की करें तो उतनी गिरावट नहीं आयी जो लोगों को निवेश के प्रति आकर्षित कर सकती।
अगर ग्लोबल गोल्ड रिसर्व के आंकड़ों को देखें तो वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में कुल 32,139.1 टन सोना रिजर्व है। अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 8,133.5 टन सोना है, जबकि भारत 557.7 टन सोने के साथ ग्यारहवें स्थान पर बना हुआ है।