Hindenburg Research: अडानी ग्रुप के जवाब पर हिंडनबर्ग ने क्या कहा?
अडानी ग्रुप की ओर से हिंडनबर्ग द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिए गए हैं। लेकिन इस जवाब पर हिंडनबर्ग ने पलटवार किया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि कंपनी खुद को तिरंगे में लपेटकर देश को लूट रही है।
Hindenburg Research: जिस तरह से हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर संगीन आरोप लगाए हैं, कंपनी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है उसके बाद अडानी ग्रुप की ओर से इन तमाम आरोपों के जवाब दिए गए हैं। अडानी ग्रुप ने सभी 88 सवालों के जवाब देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को झूठा बताया है। अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए जवाब पर अब एक बार फिर से हिंडनबर्ग ने पलटवार किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से कहा गया है कि हमने 24 जनवरी को रिपोर्ट जारी की, कंपनी में कई संदिग्ध फर्जीवाड़े को सामने रखा।
इसे भी पढ़ें- Hindenburg Research: अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी 88 सवालों का दिया जवाब
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए 413 पन्नों के जवाब पर पलटवार करते हुए कहा कि अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की गई है और हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा समझा हमला करार दियाग या है। लेकिन अडानी ग्रुप ने कंपनी के अध्यक्ष गौतम अडानी की संपत्ति में बढ़ोत्तरी को भारत की सफलता के साथ जोड़कर दिखाने की कोशिश की है। हमारा मानना है कि भारत का लोकतंत्र काफी जीवंत है, आने वाले भविष्य का भारत सुपरपॉवर है। हम मानते हैं कि अडानी ग्रुप ने भारत के भविष्य को पीछे ढकेलने की कोशिश की है। कंपनी व्यवस्थित तरह से देश को लूट रही है और खुद को भारतीय ध्वज में लिपटा हुआ दिखाने की कोशिश कर रही है।
यही नहीं हिंडनबर्ग ने अपने जवाब में कहा कि फर्जीवाड़ा, फर्जीवाड़ा होता है फिर चाहे वह दुनिया के किसी सबसे अमीर आदमी ने ही क्यों ना किया हो। अडानी के 413 पन्नों के जवाब में सिर्फ 30 पन्ने हमारी रिपोर्ट से जुड़े हैं। बाकी के 330 पन्ने कोर्ट के रिकॉर्ड हैं, 53 पन्ने उच्च स्तरीय वित्तीय जानकारी, सामान्य जनकारी और बेकार के कॉर्पोरेट कदम के हैं। जैसे कैसे कंपनी में महिलाओं को बढ़ावा दिया जा रहा, सुरक्षित सब्जियों का उत्पादन आदी। अडानी हमारे 88 में से 62 सवालों के जवाब देने में विफल रहे हैं।
Recommended Video