Budget 2019: बजट पढ़ते हुए पहली बार सीतारमण की किस बात पर बजीं सदन में तालियां
Budget 2019: बजट पढ़ते हुए पहली बार सीतारमण की किस बात पर बजीं सदन में तालियां
नई दिल्ली। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट सदन में पेश कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की दूसरी महिला हैं जो संसद में आम बजट पेश कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट के दौरान नई परंपरा की शुरुआत के साथ कर दी। इस बार बजट को 'बहीखाता' का नाम दिया गया है। इस के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की वर्षों पुरानी परिपाटी को बदलते हुए बजट दस्तावेज लाने के लिए ब्रीफकेस की जगह इस बार लाल रंग के कपड़े के बैग का इस्तेमाल किया है।
वहीं अपने बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने एक शेर भी पढ़ा, जिजसे बाद सदन में तालियां बजने लगी। निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान उर्दू का एक शायरी पढ़ीं। उन्होंने कहा, 'यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है'। ये शेर मशहूर शायर मंजूर हाशमी का है।
बजट पेश करके के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार देश की जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ हमें सरकार में बैठाया है। पहली बार महिला, युवा, बुजुर्गों ने अच्छा काम करने वाली सरकार पर भरोसा जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हमारी सरकार तेजी से काम कर रही है और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की मदद कर रही है।