मंदिर में मुंडन के बाद कैसे लंदन पहुंच जाते हैं आपके बाल?
मंदिरों में बाल दान करने की परंपरा काफी पुरानी है। लोग भगवान को अपने बाल अर्पित कर देते हैं। अब जानिए क्या होता है इन बालों का?
नई दिल्ली। भारतीय समाज में पौराणिक मान्यता के तहत बाल कटवाने की परंपरा है। मुंडन हो या फिर किसी की मृत्यु भारत में बाल मुंडवाने की परंपरा सालों से चलती आ रही है। यहां के कई मंदिरों में बाल दान करने की भी परंपरा है। यानी लोग मंदिर में भगवान को अपने बाल अर्पित कर देते हैं। खास कर दक्षिण भारत के कई मंदिरों में बाल दान करने की प्रथा है। नहीं हो रही है शादी तो इस मंदिर में करवाए 15000 रु. का पूजा, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी मंदिर इनमें सबसे प्रमुख है। यहां मन्नत पूरी होने पर लोग अपने बाल दान करते हैं। पुरुष और महिलाएं दोनों यहां अपने बाल दान करते हैं। इन मंदिरों में हर रोज सैकड़ों टन बाल चढ़ाये जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन बालों से मंदिर को करोड़ों का फायदा होता है। अब आपको बताते हैं कि इन दान किए गए बालों के कैसे मंदिर करोड़ों कमाती है? डिमांड में लालू के बेटे तेजस्वी, 44000 लड़कियों ने भेजा शादी का ऑफर
बालों से मंदिर की कमाई
भारतीय बालों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी कीमत है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय के बाल वर्जिन हेयर होते है, यानी उन बालों पर किसी भी तरह का कैमिकल इस्तेमाल नहीं किया गया होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मंदिरों में बाल दान करने वाले अधिकांश लोग या तो मध्यम वर्गीय होते है या फिर निम्न वर्ग के। ऐसे में उनके बाल नेचुरल होते हैं, जिनमें कैरोटीन की मात्रा अधिक होती है। इन बालों को दोबारा से इस्तेमाल में लाने के लिए उन्हें प्रोसेसिंग के लिए फैक्ट्री में भेजा जाता है। प्रोसेसिंग शुरु करने से पहले उन्हें हाथों से सुलझाया जाता है।
लंदन पहुंच जाते हैं आपके बाल
सुलझाए जाने के बाद इन बालों को लोहे के कंघे से झाड़कर साफ किया जाता है। फिर बालों की लंबाई को ध्यान में रखकर अगल-अगल बंडल बनाए जाते हैं। फिर इन बालों को फंगस, बैक्टीरिया से मुक्त करने के लिए इन पर कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।
बालों की ऊंची कीमत
फिर बालों को ऑस्मोसिस बाथ कराया जाता है ताकि उनके क्यूटिकल्स नष्ट हुए बिना उनपर लगे दाग-धब्बे छूट जाएं। फिर इन बालों से महिलाओं और पुरुषों के लिए तरह-तरह के बिग बनाए जाते हैं। इन बिगों को निर्यात कर काफी पैसा कमाया जाता है। इन असली बालों से बने बिगों की कीमत काफी होती है। हलांकि अब इनमें भी मिलावट होने लगी है। असली इंसानी बालों के साथ जानवरों और रसायनिक बालों को मिला दिया जाता है।