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अरुण जेटली ने कहा, कर्ज चुकता करो नहीं तो छोड़ दो कारोबार

By Anujkumar Maurya
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ समय पहले ही 12 बड़ी कर्जदार कंपनियों के खिलाफ दिवाला कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इन कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जेटली ने इन निजी कंपनियों के मालिकों से कहा है कि या तो ये कंपनियां अपना बकाया चुकाएं या फिर कारोबार को छोड़ें और किसी और को उसका नियंत्रण दे दें।

अरुण जेटली ने कहा, कर्ज चुकता करो नहीं तो छोड़ दो कारोबार

इन कंपनियों पर बैंकों का करीब 2 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि बैंकों के कुल फंसे कर्ज का यह करीब एक चौथाई है। जेटली यह भी बोले कि सरकार बैंकों को और अधिक पूंजी उपलब्ध कराने के लिए तैयार है, लेकिन फंसा हुआ कर्ज प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों को पहले ही 70,000 करोड़ रुपए तक की पूंजी उपलब्ध कराई है।

26 और कंपनियों की बनाई लिस्ट

भारतीय रिजर्व बैंक ने कमर्शियल बैंकों को डिफॉल्टर्स की दूसरी लिस्ट भेजी है। इस लिस्ट में करीब 26 डिफॉल्टर्स के नाम हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश किए हैं कि इन सभी डिफॉल्टर्स से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाए। पत्र में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इन डिफॉल्टर्स से RBI की किसी भी स्कीम के तहत 13 दिसंबर से पहले-पहले पैसों की रिकवरी कर ली जाए।

अगर 13 दिसंबर से पहले-पहले पैसों की रिकवरी नहीं हो पाती है तो डिफॉल्टर कंपनियों के खिलाफ केस इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल में केस दर्ज कर दिया जाएगा। इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत जो भी केस दर्ज किया जाता है, उस पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल एक आर्बिट्रेशन अथॉरिटी की तरह काम करता है।

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English summary
arun jaitley says to defaulters, pay loans or allow others to take control
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