अमेजन ने जबरन नौकरी से निकालने के आरोपों को किया खारिज, कंपनी बोली- लोग खुद से छोड़ रहे
जिस तरह से मल्टिनेशनल कंपनी अमेजन ने हजारों कर्मचारियों को खुद से इस्तीफा देने के लिए मेल किया था उसके बाद लगातार कंपनी सुर्खियों में है। लेकिन अब अमेजन की ओर से इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा गया है कि हमने किसी को नौकरी से नहीं निकाला, लोग खुद से नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। दरअसल अमेजन इंडिया को श्रम मंत्रालय की ओर से नोटिस भेजा गया था। जिसके बाद डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर के सामने अमेजन के प्रतिनिधि बुधवार को बेंगलुरू में पेश हुए। इस दौरान अमेजन ने कहा कि हमने कर्मचारियों को निकाला नहीं है बल्कि जिन लोगों ने खुद से वॉलंट्री सेपरेशन प्रोग्राम (स्वेच्छा से इस्तीफा) को चुना है उन्हें जाने दिया है।
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अमेजन ने आरोपों से किया इनकार
दरअसल पुणे की एक संस्था जोकि कर्मचारियों के हितों के लिए काम करती है उसने पिछले हफ्ते एक याचिका दायर की थी और केंद्र सरकार से अपील की थी कि प्रदेश श्रम मंत्रालय को इस मामले की जांच करनी चाहिए कि क्या अनैतिक तरह से कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला जा रहा है। इस बाबत एक इ मेल का जिक्र किया गया था। आईटी यूनियन ने दावा किया था कि अमेजन कर्मचारियों को जबरन नौकरी से निकाल रही है। कंपनी बड़े पैमाने पर भारत में कर्मचारियों को बाहर कर रही है।
30 नवंबर तक का मिला था अल्टिमेटम
बता दें कि अमेजन ने 10000 कर्मचारियों को बाहर करने की प्रक्रिया की शुरुआत की है, कर्मचारियों को 30 नवंबर तक का समय दिया गया है कि वह खुद से इस्तीफा दे दें और कंपनी की ओर से दी जा रही नगद मदद को स्वीकार करें। कंपनी के सीईओ एंडी जेसी ने भी कहा था कि अमेजन 2023 में कर्मचारियों की संख्या को कम करेगा, ताकि वह अपने बिजनेस पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ को कम कर सके।
बड़ी संख्या में रोगजार छिनेगा
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेजन के प्रतिनिधि बुधवार को श्रम विभाग के सामने पेश हुए। उन्होंने इस दौरान अपना पक्ष रखा। उन्होंने किसी भी तरह के आरोपों से खारिज किया है कि कंपनी लोगों को जबरन नौकरी से बाहर कर रही है। बता दें कि अमेजन, मेटा, ट्विटर के कर्मचारियों को एक-एक करके बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा था कि कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या में 13 फीसदी की कमी करने का फैसला लिया है। कंपनी 11000 कर्मचारियों को बाहर करेगी। ट्विटर की ओर से भी कहा गया है कि 50 फीसदी कर्मचारियों को बाहर किया जाएगा। गूगल और एचपी जैसी कंपनियां भी कर्मचारियों को बाहर कर रही हैं।