7th Pay Commission: नए साल पर इन कर्मचारियों को तोहफा, बढ़ी हुई सैलरी के साथ 36 महीने का एरियर भी
नई दिल्ली। 7th Pay Commission की सिफारिशों को मंजूरी मिले 2 साल का वक्त गुजर चुका है। देश भर के 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और कई राज्यों के सरकारी कर्मचारियों को अब तक अपनी बढ़ी हुई सैलरी का इंतजार है। इस बीच महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा मिला है। नए साल पर राज्य के कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप न केवल बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी बल्कि उन्हें 36 महीने का एरियर भी मिलेगा।
नए साल पर बढ़ी सैलरी का तोहफा
महाराष्ट्र सरकार के सरकारी कर्मचारियों को 7th Pay Commission की सिफारिशों के अनुरूप नए साल से बढ़ी हुई सैलरी मिलने लगेगी। इन कर्मचारियों को बढ़ी सैलरी के साथ-साथ न केवल बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी बल्कि उन्हें 36 महीने का एरियर भी मिलेगा। महाराष्ट्र सरकार ने 1 जनवरी 2019 से सातवां वेतन आयोग लागू करने का फैसला लिया है। इससे राज्य सरकार पर करीब 40 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा।
36 महीने का एरियर
सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी को लेकर एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें रिटायर्ड अधिकारी के पी बख्शी को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि बाद में कर्मचारियों की ओर से दवाब बढ़ने पर बिना इस कमेटी की रिपोर्ट के ही राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2019 से बढ़ी हुई सैलरी देने का फैसला किया है। सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 1 जनवरी 2019 तक का एरियर भी मिलेगा। कर्मचारियों के 36 माह का एरियर देने के लिए 10000 करोड़ रुपए का भार आएगा। 5 हफ्तों में सरकारी कर्मचारियों के खाते में एरियर जमा किए जाएंगे।
कर्मचारियों ने टाली हड़ताल
महाराष्ट्र सरकार के सरकारी कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी, एरियर के साथ-साथ डियरनेस अलाउंस (डीए) भी मिलेगा। डीए अंतिम 14 महीनों के आधार पर दिया जाएगा। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी BSNL के कर्मचारियों ने 3 दिसंबर 2018 से हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी, जिसे आखिरी वक्त में डाल दिया गया। यूनियनों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को 10 दिसंबर तक के लिए टाल दिया है। उन्होंने दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा के साथ प्रस्तावित बैठक को देखते हुए हड़ताल को टालने का फैसला किया। 4जी स्पेक्ट्रम, सैलरी व पेंशन में बढ़ोतरी की मांगों को लेकर ये कर्मचारी 3 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे।