UP Board Exam 2020: बुलंदशहर के रोहित ने कायम की मिसाल, पैरों से लिख दी परीक्षा
बुलंदशहर। जहां कुछ कर गुजरने का हौसला हो, वहां बड़ी से बड़ी परेशानिया भी घुंटने टेंक लेती है। यह सिर्फ कहावत नहीं, बल्कि सच है जिसका उदाहरण उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सामने आया है। बुलंदशहर के जहांगीराबाद निवासी रोहित ने किसी हादसे में अपने हाथ गंवा दिए थे। लेकिन पढ़ाई में उसका मन हमेशा लगता था। रोहित ने दसवीं की पढ़ाई की तैयारी शुरू की तो मन में यही सवाल था कि वो परीक्षा कैसे देंगा।
पैरों से लिखने की डाली आदत
रोहित ने दसवीं की परीक्षा देने की मन में ठानी और हौसला बना लिया कि वह हाथों से नहीं पैरों से ही लिखकर अपनी बोर्ड परीक्षा को देगा। उसने पहले पैरों से लिखने का प्रयास किया। धीरे-धीरे उसके पैरों की उंगलियों की ग्रिप यानी पकड़ मजबूत होने लगी। पैरों से लिखना अब उसकी आदत में आ गया। फिर जब इम्तिहान की घड़ी नजदीक आई तो वह अपनी कसौटी पर खरा उतरा।
हिंदी की दी परीक्षा
रोहित बुलंदशहर के जहांगीराबाद क्षेत्र के एक स्कूल में पढ़ता हैं। जब वो अपनी क्लास में पैरों की उंगलियों में पेन फंसाकर लिख रहे थे तो हर कोई उनका हौसला बढ़ा रहा था। मंगलवार को दसवीं क्लास की हिंदी की परीक्षा थी। इसके लिए रोहित सब तैयारी पूरी करके आया था। इस तैयारी और अपने जज्बे से रोहित ने परीक्षा दी और अपने हौसलों को अंजाम तक पहुंचाया।
परीक्षा के लिए दिया अतिरिक्त समय
रोहित का दावा है कि उसका एग्जाम अच्छा गया है और उम्मीद है कि उसको मेहनत का बेहतर नतीजा मिलेगा। वही, केंद्र प्रभारी सीपी अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बोर्ड के नियमानुसार दिव्यांग को जो भी सहायता दी जा सकती है, वो रोहित को दी गई है और परीक्षा के लिए अतिरिक्त समय भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि रोहित के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
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