धरती पर तबाही मचाने आ सकता है महाभूकंप? दुनिया को डरा रहे हैं इस साल के आंकड़े
MegaQuakes, हाल ही में इंडोनेशिया में आए भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस भूकंप में लगभग 300 लोगों को मौत हुई थी, वहीं सैकड़ों लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे। बड़े और विनाशकारी भूकंपों की एक श्रृंखला ने इस वर्ष धरती के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में दर्ज किया गया सबसे भीषण भूकंप पापुआ न्यू गिनी में 10 सितंबर को आया था। जिसकी तीव्रता 7.6 थी। एक और 7.6 तीव्रता का भूकंप नौ दिन बाद मेक्सिको में आया था।
इस साल भूकंप ने इस देश में सबसे अधिक तबाही मचाई
अगर नुकसान के लिहाज से देखा जाए तो इस साल का सबसे खतरनाक भूकंप अफगानिस्तान के खोस्त में आया है। 22 जून को आए 6.0 तीव्रता के भूकंप में 1,100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इस वर्ष का दूसरा बड़ा भूकंप 21 नवंबर को पश्चिम जावा (इंडोनेशिया) में आया था। इस भूकंप की तीव्रता 5.6 थी। जिसमें लगभग 300 लोगों की जान चली गई थी।
इस साल 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के 11 से अधिक भूकंप आए
हाल के दिनों में सोलोमन द्वीप के मलांगो में 7.0 तीव्रता का, तुर्की के ड्यूज प्रांत में 6.1 तीव्रता का और मेक्सिको के बाजा कैलिफोर्निया में 6.2 तीव्रता के भूकंप के झटके आए थे। अनुमानों के अनुसार वर्ष 2022 में अभी तक 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के 11 से अधिक भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि इस वर्ष 100 से अधिक ऐसे भूकंप आए हैं जिनकी तीव्रता 6.0 और 6.9 के बीच थी। भारत में भी इस महीने उत्तरी के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में भूकंप के झटके आए थे।
अधिक भूकंप आने का मतलब क्या है?
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) का कहना है कि भूकंपीय गतिविधि में अचानक या अस्थायी वृद्धि को सामान्य माना जाता है। और न ही इस तरह की वृद्धि या कमी से ऐसा संकेत मिलता है कि एक बड़ा भूकंप आने की संभावना है। भूकंप की घटनाओं में वृद्धि या कमी का एक पहलू यह है कि दुनिया में अब अधिक और उन्नत भूकंपीय उपकरण हैं जो इस तरह की गतिविधि को बेहतर तरीके से रिकॉर्ड करते हैं।
हर साल औसत 16 बड़े भूकंप आते हैं
यूएसजीएस का कहना है कि, अगर हम सन 1900 को अपना आधार वर्ष माने तो हम किसी भी वर्ष में लगभग 16 बड़े भूकंपों की उम्मीद करते हैं। जिनमें 15 भूकंप 7.9 तीव्रता के मानते हैं, जबकि एक भूकंप की तीव्रता 8.0 या उससे अधिक तीव्रता मानकर चलते हैं। पिछले 40-50 वर्षों में हमारे रिकॉर्ड बताते हैं कि हमने बड़े भूकंपों की दीर्घकालिक औसत संख्या को लगभग एक दर्जन गुना पार किया है।
क्या भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है?
वैज्ञानिकों के पास इस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। अभी तक कोई भी वैज्ञानिक या भूकंप निगरानी एजेंसी किसी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी नहीं कर पाई है। वैज्ञानिकों ने अब तक जो भविष्यवाणी की है। वह केवल यह बताने में कामयाब रही है कि एक विशिष्ट भौगोलिक स्थान में एक निर्दिष्ट अवधि (वर्षों में) के भीतर एक महत्वपूर्ण भूकंपीय घटना हो सकती है।
मेगाक्वेक क्या हैं?
मेगाक्वेक यानि महाभूकंप को 10 या अधिक तीव्रता वाले भूकंपों के रूप में जाना जाता है। यूएसजीएस के मुताबिक, इस तरह के भूकंप नहीं आ सकते। भूकंप का परिमाण उस भ्रंश की लंबाई से निर्धारित होता है जिस पर वह घटित होता है। अभी तक 10 तीव्रता का भूकंप नहीं आया है। अगर वह आता भी है तो यह पूरी धरती पर असर करेगा। अब तक रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों में धरती पर सबसे बड़ा भूकंप 9.5 तीव्रता का आया था। जो 22 मई 1960 को चिली में आया था।
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