19 सालों से शरीर के बाहर लिवर लिए जी रही थी लड़की, भारतीय डॉक्टर ने दी नई जिंदगी
नई दिल्ली। तंजानिया की रहने वाली साउदा सुलेमन ऐमोर जन्म से ही एक गंभीर बीमारी के साथ पैदा हुई थी। साउदा में सब कुछ एक सामान्य लड़की जैसा ही था, लेकिन वो एक रेयर बीमारी से जूझ रही थी। साउदा का लिवर उसके शरीर के बाहर था। 19 सालों से साउदा का लिवर और अग्नाशय का कुछ हिस्सा शरीर के बाहर था। स्किन की एक पचली की झिल्ली से उसका लिवर लटक रहा था। साउदा के माता-पिता ने उसके इलाज पर लाखों खर्च कर दिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आखिरकार एक भारतीय डॉक्टर ने साउदा को नया जीवन दिया।
19 सालों से शरीर के बाहर लटक रहा था लिवर
19 साल की साउदा सुलेमन ऐमोर को भारत में नया जीवनदान मिला है। साउदा जन्म से ही दुर्लभ बीमारी से जूझ रही थी। उसका लिवर उसके शरीर के बाहर था। लिवर बेहद पतली चमड़ी के साथ ये उसके पेट के निचले हिस्से में लटकता रहता था। दो बार उसका ऑपरेशन किया गया, लेकिन दोनों ही बार वो ऑपरेशन असफल रहा। आखिरकार भारत में आकर उसे नई जिदंगी मिली।
बीमारी की वजह से छूट गई पढ़ाई
साउदा के शरीर से बाहर उसके लिवर की वजह से लोग उसका मजाक उड़ाते थे। लोग उसे बुरी नजर से देखते थे। उसपर भद्दे कमेंट किए जाते थे। लोगों ने तो उसे अपशगुन मानना शुरू कर दिया। पेट पर निकले लिवर की वजह से साउदा को 4 साल पहले ही अपना पढ़ाई छोड़ना पड़ा। उसे अक्सर डर लगा रहता था कि कहीं उसके लिवर में कोई चोट न लग जाए।
मिली नई जिदंगी
जन्म से ही वो इस रेयर बीमारी से जूझ रही थी। 5 साल की उम्र तक उसका दो बार ऑपरेशन हुआ, लेकिन दोनों ही बार असफल रहा। फिर किसी ने उन्हेंन चेन्नई के एसआईएमएस हॉस्पिटल के बारे में बताया। नई उम्मीद के साथ साउदा का परिवार तंजानिया से चेन्नई पहुंचा। अस्पताल में साउदा का इलाज शुरू हुआ। यहां डॉ. राधाकृष्णा पाटा और उनकी टीम ने इस केस को गंभीरता से देखा और सबसे पहले साउदा के पेट में लिवर और अग्नाशय के लिए जगह बनाई। पेट में जगह बनाने के लिए उसके पेट में कई दिनों तक हवा भरी गई। करीब 15 दिनों के बाद साउदा के पेट में जगह बन पाई। जिसके बाद ऑपरेशन कर लिवर को अंदर फिट किया गया। ऑपरेशन के बाद उसे कई दिनों तक वेंटीलेटर और लिक्विड डाइट पर रखा गया। करीब 3 हफ्ते बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई और अब वो पूरी तरह से स्वस्थ है। साउदा अपने परिवार के साथ वापस तंजानिया लौट चुकी है।