चीन का अजीबोगरीब कारनामा: टॉपर्स को किताबों की जगह दिए सूअर के बच्चे, ये है वजह
नई दिल्ली, 15 जनवरी: चीन हमेशा अपने अजीबोगरीब कारनामों की वजह से चर्चा में रहता है। वैसे तो सभी देशों में स्कूलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को गिफ्ट, पढ़ाई से जुड़े सामान आदि दिए जाते हैं, लेकिन चीन अपने यहां टॉपर्स को सूअर के बच्चे दे रहा है। इसके पीछे की वजह भी बहुत खास है। साथ ही इस प्रोत्साहन की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। ( तस्वीरें-सांकेतिक)
अर्थव्यवस्था से जुड़ा है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के बहुत से इलाकों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। हाल ही में चीनी प्रशासन ने युन्नान प्रांत के यिलियांग काउंटी के जियांगयांग एलीमेंट्री स्कूल में 20 बच्चों को पुरस्कृत किया। इस दौरान उन्हें इनाम के तौर पर सूअर के बच्चे दिए गए। चीनी अधिकारियों के मुताबिक इसके पीछे का मकसद बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित और स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है।
65 में से 20 का चयन
मामले में स्कूल के एक शिक्षक हो चांगलियांग ने कहा कि ग्रामीण शिक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच संबंधों को बढ़ावा देने लिए ये नया प्रयास किया गया है। हाल ही में हुए इस पुरस्कार समारोह को शंघाई जियांगवु पब्लिक वेलफेयर फंड द्वारा स्पांसर किया गया था। उन्होंने बताया कि स्कूल में अभी 65 छात्र हैं, जिनमें केवल 4 शिक्षक हैं। उन्हीं में से 20 का चयन प्रदर्शन के आधार पर हुआ था।
बहुत से लोगों ने की आलोचना
कुछ लोगों ने चीनी सोशल मीडिया पर पुरस्कार समारोह के वीडियो पोस्ट किए, जिसमें बच्चे सूअर ले जाते दिखाई दिए हैं। इसके अलावा उनके गले में एक बैच डाला गया, जिसमें कागज के फूल लटके थे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक सफेद, पीले और काले फर वाले सूअरों का वजन 5 से 10 किलोग्राम के बीच होता है, जिस वजह से बच्चों के माता-पिता उसे ले जाने के लिए पहुंचे। इसे आमभाषा में पिगलेट भी कहते हैं। हालांकि बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जो इसका विरोध कर रहे। उनका कहना है कि अगर बच्चों को पढ़ाई से संबंधित सामान दिया जाता, तो ज्यादा बेहतर रहता।
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