'मंगल ग्रह से आया हूं, दुनिया को परमाणु युद्ध की आग से बचाऊंगा', रूसी लड़के का दावा
Boris Kipriyanovich: रूस की महिला न दावा किया है कि जब वो प्रग्नेंट थी डिलीवरी के दौरान कुछ असामान्य सा हुआ। दरअसल, महिला ने 11 जनवरी, 1996 को जिस बच्चे को जन्म दिया वो सामान्य बच्चे से काफी अलग था। जब वो पैदा हुआ उसकी आंखें एक वयस्क व्यक्ति जैसी थीं। महिला ने बताया कि उसे डिलीवरी के दौरान सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि उसे दर्द का भी एहसास नहीं हुआ। वहीं महिले के बेटे बोरिस किप्रियानोविच ने 26 साल की आयु में एक दावा करके दुनिया को चौंका दिया। आइए जानते हैं कि ये रूसी बॉय क्यों और किस आधार पर मंगल ग्रह का होने का दावा कर रहा है?
बोरिस किप्रियानोविच का एलियन होने का दावा
रूस के वोल्गोग्राड के रहने वाले बोरिस किप्रियानोविच दावा है कि वह इंसान नहीं बल्कि एलियन है। डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बोरिस ने कहा है को मंगल ग्रह से आया है। पृथ्वी पर आने का उसका उद्देश्य दुनिया को परमाण युद्ध के संभावित विनाश ने बचना है। रूसी बॉय ने अपनी स्पेस साइंस की जानकारी से लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है। बोरिस किप्रियानोविच को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है।
'मार्टिंयस प्रजाति में पूर्वजन्म'
बोरिस ने दावा किया है कि वो पूर्व जन्म में मंगल ग्रह पर था। यहां उसका जन्म मार्टियंस के रूप में हुआ था, जो अंतरिक्ष यात्रा कर सकते हैं। बोरिस ने आगे कहा कि वह इंडिगो के बच्चों में से एक है, जिसे मानव जाति को विलुप्त होने से बचाने के लिए पृथ्वी पर भेजा गया है। उनका दावा है कि उन्होंने वर्षों में कई बार पृथ्वी का दौरा किया। बोरिस ने बताया कि काल्पनिक महाद्वीप लेमुरियन काल के काल में वो कई बार पृथ्वी पर आए। बताया जाता है कि लाखों साल पहले ये हिंद महासागर के नीचे अस्तित्व में था।
विशेष अंतरिक्ष यान बनाने का दावा
बोरिस का दावा है कि उसने एक अंतरिक्ष यान भी बनाया है। स्पेस क्राफ्ट के बारे में उन्होंने बताया कि इसकी छह परतें हैं। स्पेस क्राफ्ट की बाहरी परत 25% ठोस धातु से बनी है, दूसरी परत 30% रबर जैसी है। जबकि तीसरी परत 30% धातु की है। अंतिम लेयर 4% एक खास चुंबकीय परत है, जिसे सक्रिय करने पर ब्रह्मांड में कहीं भी उड़कर पहुंचा जा सकता है।
'मानवजाति को बचाने आया हूं'
बोरिस किप्रियानोविच का दावा है कि वो धरती पर परमाणु युद्ध के खतरे से मानव जाति को बचाने आया है। बोरिस की मां का कहना है कि जब वह सिर्फ 1 साल का था तभी से वो अखबारों की सुर्खियां पढ़ने लगा था। इंस्टीट्यूट ऑफ टेरेस्ट्रियल मैग्नेटिज्म, आयनोस्फीयर और रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के रेडियो वेव्स विशेषज्ञों ने बोरिस को लेकर एक शोध भी किया। निष्कर्ष में कहा गया कि लड़के में कुछ असमान्य बात है, जो इसे सामान्य व्यक्त से अलग करती है।
मां और बेटे अब नहीं आ रहे सामने
डेली स्टार के मुताबिक बोरिस और उसकी मां दोनों अब सामने नहीं आ रहे। वो इस वक्त गायब हैं। जबकि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मां-बेटे की जोड़ी रूसी संरक्षण में हैं। उन्हें किसी अज्ञात और एकांत स्थान पर सुरक्षित रखा गया है।
दुनिया में एटॉमिक वार खतरा
दुनिया के देशों के बीच नई तकनीकी से युक्त हथियारों की संपन्नता की एक होड़ मची है। पिछले कई वर्षों में कई देश लगातार अपनी परमाणु शक्ति बढ़ाने में लगे हैं। पिछले कुछ दिनों से दुनिया के तमाम देशों की सामरिक नीतियों की समीक्षा करें तो एक बात साफ हो जाती है कि दुनिया भर में परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। रूस और यूक्रेन की बीच जारी संघर्ष ने आग में घी डालने का काम किया है। जिसके बाद देशों के बीच लगातार तनाव बढ़े हैं।
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