वैशाली: युवती को जिंदा जलाने की घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन, मुख्य आरोपी सतीश ने किया सरेंडर
वैशाली। बिहार के वैशाली में 30 अक्टूबर को एक युवती को जिंदा जला दिया गया था जिसकी मौत 15 दिन बाद पीएमसीएच में हो गई थी। पीड़िता का शव लेकर परिजन पटना के कारगिल चौक पर इंसाफ के लिए प्रदर्शन करने लगे तब जाकर मामला प्रकाश में आया था। घटना के बाद कार्रवाई न करने और चुनाव के दौरान मामले को दबाने का आरोप झेल रहे पुलिस महकमे ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी जांच का जिम्मा महनार एसडीपीओ को सौंपा गया है। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में आउटपोस्ट प्रभारी विष्णुदेव दुबे को निलंबित किया गया। दो आरोपियों में से एक चंदन राय की गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि मुख्य आरोपी सतीश राय ने भी बुधवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
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30 अक्टूबर को देसरी थाना क्षेत्र के रसूलपुर हबीब गांव में एक युवती को कैरोसिन तेल डालकर जिंदा जला दिया गया था। पुलिस को दिए गए बयान में पीड़िता ने बताया था कि सतीश राय उस पर शादी के दबाव बना रहा था। जब वह नहीं मानी तो सतीश राय और चंदन कुमार ने उसके ऊपर कैरोसिन तेल डालकर आग लगा दी। बुरी तरह झुलसी युवती का इलाज पीएमसीएच में चला जहां 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई। मुख्य आरोपी सतीश राय ने बुधवार को महनार के एसडीपीओ ऑफिस में सरेंडर कर दिया। मंगलवार को आरोपी चंदन कुमार की गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में तीसरा नामजद आरोपी विजय कुमार है जो फरार है। एडीजी मुख्यालय जिंतेंद्र कुमार ने बताया कि महनार के एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी बना दी गई है जो इस मामले की जांच करेगी और सबूतों को इकट्ठा करने का काम करेगी।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी इंसाफ की मांग हो रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर ट्वीट करते हुए नीतीश सरकार के सुशासन पर निशाना साधा था। उन्होंने पूछा था कि किसका अपराध ज्यादा खतरनाक है, जिसने यह अमानवीय कर्म किया या जिसने चुनावी फायदे के लिए इसे छुपाया ताकि इस कुशासन पर अपने झूठे सुशासन की नींव रख सके। इस घटना को लेकर यह कहा जा रहा है कि चुनाव के दौरान इसका असर मतदान पर न पड़े इसलिए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मामले पर पर्दा डाला था।
वैशाली: जिंदा जलाई गई युवती की मौत के बाद 17वें दिन जागी पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार