समस्तीपुरः जब कुत्ते की निकाली गई अंतिम यात्रा तो रोने लगा पूरा गांव, फिल्मी गाना बजाकर दी विदाई
समस्तीपुर। एक तरफ जहां कोरोना काल में लोग अपनों का साथ छोड़ दे रहे हैं। मृतकों का अंतिम संस्कार करने में भी पीछे हट रहे हैं। वहीं बिहार के समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर में कुत्ते की अनोखी शवयात्रा निकली। इस शवयात्रा में फूल-माला और कफन में लिपटे टॉनी के पीछे-पीछे पूरा गांव चल पड़ा था। सभी की आंखें नम थीं। टॉनी मालिक के घर का ही नहीं बल्कि पूरे मोहल्ले का वह रक्षक था। इसलिए टॉनी की शवयात्रा में सब लोग शामिल हो गए। टॉनी को उसके मालिक ने सोनपुर मेले से खरीदकर लाए थे। घर में टॉनी के आने के बाद हालत ही बदल गई। घर में सुख-समृद्ध आई, इसलिए अंतिम यात्रा में-तेरी मेहरबानियां गीत भी बजे।
हिंदू रीति-रिवाज से की उसकी अंतिम विदाई
आगे-आगे
ठेले
पर
कुत्ते
का
शव,
पीछे-पीछे
लोग
घटना
समस्तीपुर
जिले
के
विद्यापतिनगर
प्रखंड
की
शेरपुर
पंचायत
के
शेरपुर
दियारा
गांव
के
रहने
वाले
नरेश
साह
ने
अपने
कुत्ते
की
मौत
होने
के
बाद
मंगलवार
को
हिंदू
रीति-रिवाज
से
उसकी
अंतिम
विदाई
की।
बैंड-बाजे
की
धुन
के
बीच
टॉनी
की
शवयात्रा
में
चलते
लोगों
की
आंखें
नम
थीं।
नरेश
ने
बताया
कि
टॉनी
मेरे
लिए
सिर्फ
कुत्ता
नहीं,
बल्कि
हमारे
घर-टोला
का
रक्षक
भी
था।
वह
हम
सभी
की
जिंदगी
का
हिस्सा
था।
साउंड सिस्टम भी ठेले पर ही लगाया
नरेश ने अपने कुत्ते की शवयात्रा के लिए सारे इंतजाम किए। एक ठेले पर उसका शव रखा। फूल-माला और कफन से कुत्ते के शव को लपेट कर रखा। साउंड सिस्टम भी ठेले पर ही लगाया। जहां-जहां से ये शवयात्रा निकली, लोग जुड़ते चले गए। पेशे से ग्रामीण चिकित्सक नरेश कुमार साह ने बताया कि 12 साल पहले सोनपुर मेले से इस विदेशी नस्ल के कुत्ते को खरीदकर लाया था। बचपन से ही उसे दुलार से पाल रखा था। घर के सदस्यों जैसा था।
घर के लिए भाग्यशाली था कुत्ता
टॉनी आसपास के लोगों की भी आंखों का तारा था। उसकी मौत के बाद हम सबने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके। जिस तरह से आदमी की मौत पर अंतिम यात्रा निकाली जाती है, उसी तरह टॉनी की मौत के बाद उसके लिए अर्थी बनवाई और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई। गंगा की सहायक वाया नदी किनारे उसे दफनाया गया। नरेश ने बताया कि उसके लिए यह कुत्ता काफी भाग्यशाली था। उसने जब से घर के अंदर कदम रखा, घर में तरक्की शुरू हो गई। आज जब कुत्ता मरा तो तेरी महरबानियां गाने के साथ कुत्ते की शवयात्रा निकाली गई।
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