बिहार में फिर गर्माया जातिगत जनगणना का मुद्दा, सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
पटना, 23 मई: जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। 27 मई कोइस मुद्दे पर बिहार के सभी दलों की मीटिंग होगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने राज्य के सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनको जाति जनगणना पर होने वाली सर्वदलीय बैठक के लिए फोन आया है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा था कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर वो ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएंगे और इस पर सभी लोगों के सुझाव लिए जाएंगे। अब इस बैठक के लिए तारीख तय कर दी गई है। बैठक में बिहार के राजनीतिक दल जातिगत जनगणना को लेकर क्या हते हैं इस पर सभी की निगाहें होंगी।
बिहार के करीब-करीब सभी राजनीतिक दल इस बात पर एकमत हैं कि जो अगली जनगणना होनी है, वो जातिगत हो। यानी इसमें जातियों को अलग-अलग गिना जाए। बिहार विधानसभा में जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव भी 2020 में सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। कुछ समय पहले बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर जातिगत जनगणना कराने की मांग कर चुके हैं।
जाति जनगणना की मांग बिहार में सबसे प्रमुखता से उठ रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना नहीं होने की स्थिति में पटना से दिल्ली तक पैदल मार्च करने की घोषणा कर चुके हैं। यादव का कहना है कि अगर जातियों को नहीं गिना जाएगा तो फिर वो बिहार में जनगणना ही नहीं होने देंगे।
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