कोरोना जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पर सीएम नीतीश ने कहा- ले रहे हैं एक्शन, जमुई में सिविल सर्जन समेत चार सस्पेंड
पटना। बिहार में कोरोना जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक तरफ राजद नीतीश सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ इस मामले में शासन ने कार्रवाई भी की है। सीएम नीतीश ने भी इस बारे में कहा है कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी से उन्होंने मामले की जानकारी ली, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कार्रवाई करते हुए जमुई के सिविल सर्जन समेत चार पदाधिकारियों को सस्पेंड किया है।
सीएम नीतीश कुमार ने कोरोना जांच रिपोर्ट में हुए घोटाले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा - मैंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी से इस बारे में बात की है। उन्होंने बताया है कि इस बारे में 22 जिलों में जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इनमें से एक जगह पर गड़बड़ी सामने आई है जहां एक्शन लिया गया है। सीएम नीतीश ने कहा कि उन्होंने उस पत्रकार से भी बात की है जिन्होंने इस बारे में रिपोर्ट दी।
इंडियन एक्सप्रेस में इस बारे में रिपोर्ट छपी थी जिसके मुताबिक, जमुई, शेखपुरा और पटना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हुई कोरोना जांच रिपोर्ट में गड़बड़ियां मिलीं। जमुई के बरहट में 16 जनवरी को कोरोना टेस्टिंग जांच कराने आए लोगों की की रिपोर्ट में 48 में से 28 के मोबाइल नंबर वाले कॉलम में दस शून्य लिखे गए थे। यही नहीं, 25 जनवरी को 83 में से 46 लोगों के मोबाइल नंबर भी इसी तरह लिखे पाए गए। जमुई सदर में हुई जांच रिपोर्ट में भी इसी तरह की गड़बड़ी पाई गई।
शुक्रवार को प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पर नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया और कहा कि मैंने बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी की थी। कहा कि हमने घोटाले का डेटा सार्वजनिक किया तो सीएम ने उसे नकार दिया। शुक्रवार को ही इस मामले को राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा ने उठाया और केंद्र सरकार से इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। सभापति वेंकैया नायडू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मामले की जांच कराने को कहा।
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