बिहार में नई सरकार बनाने के लिए सीटों का आंकलन जारी, सत्ता परिवर्तन का काउंटडाउन शुरू
बिहार में सत्ता परिवर्तन के लिए सीटों का आंकलन भी शुरू कर दिया गया है। नई सरकार में सीटों के समीकरण की बात की जाए तो महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल के पास 79 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास 19 विधायकों की तादाद है।
पटना, 9 अगस्त 2022। बिहार में सियासी फिज़ा बदली हुई नज़र आ रही है, तख्ता पलट होने की चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया। इसके साथ ही संभावनाओं की सियासत भी शुरू चुकी है। वही बदले हुए सियासी समीकरणों के बीच बिहार की सियासी पार्टियों ने अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को किसी भी प्रकार की बयानबाज़ी करने से परहेज़ करने की हिदायत दी है। ग़ौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल ने अपने प्रवक्ताओं का पैनल ही भंग कर दिया है। आज बिहार के ज़्यादातर सियासी दलों ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।
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सत्ता परिवर्तन के लिए सीटों का आंकलन शुरू
बिहार में सत्ता परिवर्तन के लिए सीटों का आंकलन भी शुरू कर दिया गया है। नई सरकार में सीटों के समीकरण की बात की जाए तो महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल के पास 79 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास 19 विधायकों की तादाद है। इसके साथ ही वामदल के पास 16 विधायक हैं। सभी विधायकों को मिलाकर महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं। वहीं जदयू और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की बात करें तो दोनों के विधायकों को मिलाकर 49 सीटें हैं। अब अगर महागठबंधन नीतीश कुमार को समर्थन देता है तो कुल 163 सीटें हो जाएंगी। इन समीकरणों को देखते हुए बिहार में सियासी उलट फेर की संभावना जताई जा रही है।
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का भी नीतीश को मिला साथ
सियासी जानकारों की मानें तो अगर नीतीश कुमार एनडीए से किनार कर भाजपा का साथ छोड़ते हैं तो कांग्रेस, भाकपा माले, माकपा और हम ने उन्हें समर्थन देने की बात कही है। एनडीए गठबंधन में सहयोगी दल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने साफ़ कर दिया है कि जदयू हर फ़ैसले में कदम से कदम मिलाकर खड़ी है। ग़ौरतलब है कि कांग्रेस ने बिना किसी शर्त के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थना का ऐलान किया है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा पर सोमवार को विधायकों की बैठक हुई थी। बैठक में यह फ़ैसला लिया गया कि अगर नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने की परिस्तिथि हुई तो कांग्रेस बिना शर्त के उनका समर्थन करेगी।
नीतीश का महागठबंधन के साथ जाने की चर्चा तेज़
बिहार में सोमवार को सभी दलों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए सियासी गलियारों में तखता पलट ही चर्चा का विषय बना हुआ है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की मीडिया में बयानबाज़ी को आधार बनाते हुए संभावनाओं की सियासत को बल मिला है। सियासी जानकारों का कहना है कि जदयू-भाजपा नेताओं के बीच मतभेद की बिहार में सत्ता परिवर्तन तय माना जा रहा है। एनडीए सरकार गिरते ही नीतीश कुमार महागठबंधन से हाथ मिला कर बिहार के सत्ता की कमान संभालेंगे।
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