बिहारः जानिए कौन हैं पशुपति कुमार पारस, जिन्होंने रातों-रात लिख दी राजनीति की नई इबारत
पटना। बीते रविवार से बिहार की राजनीति में बस एक ही नाम सबके जुबां पर है, वो है लोक जनशक्ति पार्टी से सांसद पशुपति कुमार पारस। जो दिवंगत केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई। पशुपति कुमार पारस प्रदेश की राजनीति में रातों-रात सुर्खियों में छा गए क्योंकि उन्होंने अपने भतीजे चिराग पासवान को पार्टी के अध्यक्ष पक्ष से हटाकर तख्तापलट कर दिया और खुद ही अध्यक्ष व संसदीय दल के नेता बन गए।
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दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं पशुपति कुमार
इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कौन हैं पशुपति कुमार पारस, जिन्होंने एक ही रात में प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया और चिराग पासवान को पार्टी के सभी पदों से हटाकर खुद को पार्टी का सुप्रीमो बना लिया। बता दें कि पशुपति कुमार पारस लोजपा के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवंगत रामविलास पासवान के सबसे छोटे भाई हैं। तीन भाइयों में से दो का निधन हो चुका है।
विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं
ऐसे में पारस पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष चिराग पासवान के इकलौते चाचा हैं। सांसद बनने से पूर्व वह नीतीश सरकार में मंत्री पद का भी कार्यभार संभाल चुके हैं। वह अलौली विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। साल 1977 में उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था। वह बड़े भाई रामविलास पासवान के साथ एकदम साये की तरह रहते थे। वो 1977 से ही अलग-अलग पार्टियों के बाद लोजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते रहे।
रातों-रात किया तख्ता पलट
पशुपति कुमार पारस पारस की गिनती बिहार की राजनीति में दलित चेहरे के रूप में भी होती है। साल 2019 में उन्होंने हाजीपुर से संसदीय चुनाव जीता और लोकसभा पहुंचे। इससे पहले वो बिहार सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। रातों-रात लोजपा का सत्ता पलटने के बाद ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र की एनडीए सरकार में वो मंत्री भी बन सकते हैं।
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