Sleeper Cells को लेकर नीतीश के खिलाफ गिरिराज का बड़ा दावा, BJP से असहज होने की वजह बताई
सीवान (बिहार), 23 अगस्त: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा से असहज होने को लेकर मंगलवार को बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि राज्य में स्लीपर सेल के सक्रिय होने और कुछ इलाकों में शरिया कानून थोपे जाने की कोशिशों के खिलाफ भाजपा की मुखरता के चलते सीएम नीतीश कुमार असहज हो गए थे और इसी वजह से उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया और महागठबंधन में शामिल हो गए। गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह सीवान जिले में पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान संवाददताओं से बात करते ये आरोप लगाए हैं।
फुलवारी
शरीफ
मॉड्यूल
को
लेकर
किया
दावा
केंद्रीय
मंत्री
और
भाजपा
नेता
गिरिराज
सिंह
ने
दावा
किया
कि
'पॉपुलर
फ्रंट
ऑफ
इंडिया
के
फुलवारी
शरीफ
मॉड्यूल
के
खुलासे
(जुलाई)
ने
साबित
किया
है
कि
बिहार
स्लीप
सेल
से
भर
गया
है।'
इस
मामले
में
दो
लोग
पकड़े
गए
थे
और
यह
बड़ा
मुद्दा
बना
था।
इनमें
13
जुलाई
को
पटना
के
फुलवारी
शरीफ
इलाके
से
झारखंड
का
एक
रिटायर
पुलिस
वाला
गिरफ्तार
हुआ
था
और
तीन
दिन
बाद
ही
उत्तर
प्रदेश
एटीएस
ने
लखनऊ
से
एक
और
व्यक्ति
को
गिरफ्तार
किया
था।
राष्ट्रहित
के
मुद्दे
उठाने
से
नीतीश
के
असहज
होने
का
आरोप
गिरिराज
सिंह
ने
आरोप
लगाया
कि
स्कूलों
में
रविवार
को
साप्ताहिक
छुट्टी
होती
है,
लेकिन
बिहार
में
कई
संस्थान
शुक्रवार
को
बंद
रहते
हैं,
'शरिया
कानून
लागू
करने
की
खुली
कोशिश
है...
।'
बिहार
के
मुख्यमंत्री
के
बड़े
आलोचक
माने
जाने
वाले
केंद्रीय
मंत्री
ने
कहा,
'बीजेपी
इन
मुद्दों
को
राष्ट्रहित
में
उठा
रही
थी।
लेकिन,
इसने
नीतीश
कुमार
को
असहज
बना
दिया।'
वो
बोले,
'उनकी
(नीतीश
की)
इसी
बेचैनी
के
चलते
राज्य
में
हमारी
(बीजेपी)
सरकार
गई
हो
सकती
है।
लेकिन,
अब
हम
विपक्ष
में
हैं,
हम
राष्ट्रीय
सुरक्षा
और
अखंडता
के
मुद्दों
को
और
ज्यादा
ताकत
से
उठाएंगे।'
उन्होंने राजद-जदयू गठबंधन पर उर्दू मीडियम स्कूल के लिए पक्षपात का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियों के वादे को पूरा करने के लिए खाली पदों को भरने की बात कही थी। मुझे पता चला है कि नई कैबिनेट ने इसकी जगह उर्दू शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सामान्य विद्यालयों के लिए और जहां शिक्षा का मीडियम संस्कृत है, उनके लिए बहुत कम चिंता है।'