कांग्रेस ने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया...हमको भी डुबा देगी- सुनिए प्रशांत किशोर ने और क्या बोला
वैशाली, 31 मई: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे उसकी और ज्यादा सियासी फजीहत हो सकती है। उन्होंने अपनी चुनावी रणनीति का बखान करते हुए कहा है कि उन्होंने कांग्रेस का साथ इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह उनका ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर देती। उनका दावा है कि 10 साल में उन्होंने जितने भी चुनाव अपने हाथ में लिए हैं, सब जीते हैं, सिर्फ 2017 में यूपी में कांग्रेस के साथ काम किया और वही हार गए। उन्होंने कहा है कि अभी जो कांग्रेस का हाल है, उसमें वह खुद तो डूब ही रही है, उसके साथ रहेंगे तो वह भी डूब जाएंगे। बड़ी बात ये है कि किशोर कुछ हफ्ते पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए डेमो दे रहे थे, लेकिन उनकी डील पक्की नहीं हो पाई थी। यहां तक कि उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा भी सुर्खियां बनी थीं।
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कांग्रेस
ने
मेरा
ट्रैक
रिकॉर्ड
खराब
कर
दिया-प्रशांत
किशोर
चुनावी
रणनीतिकार
प्रशांत
किशोर
ने
बिहार
के
वैशाली
में
कहा
कि
2011
से
2021
के
बीच
वे
11
चुनावों
से
जुड़े
रहे
हैं
और
सिर्फ
एक
ही
चुनाव
हारे
हैं,
जो
कि
उन्होंने
कांग्रेस
के
साथ
यूपी
में
लड़ा
(चुनाव
रणनीतिकार
के
तौर
पर)
था।
उन्होंने
कहा
कि
तभी
उन्होंने
फैसला
कर
लिया
कि
अब
कांग्रेस
के
साथ
काम
नहीं
करेंगे,
क्योंकि
उन्होंने
मेरा
ट्रैक
रिकॉर्ड
खराब
कर
दिया।
प्रशांत
किशोर
ने
गिनायी
अपनी
कामयाबी
की
लिस्ट
उन्होंने
अपनी
कामयाबी
की
लिस्ट
गिनाते
हुए
कहा
है
कि
2015
में
बिहार
में
महागठबंधन
के
साथ
काम
किया,
2017
में
पंजाब
में
काम
किया
(अमरिंदर
सिंह
की
अगुवाई
में
कांग्रेस
के
साथ),
2019
में
आंध्र
प्रदेश
में
जगनमोहन
रेड्डी
के
साथ,
2020
में
दिल्ली
में
आम
आदमी
पार्टी
के
लिए
और
2021
में
तमिलनाडु
और
बंगाल
में
काम
किया।
ये
सारे
वो
चुनाव
हैं,
जहां
प्रशांत
किशोर
की
टीम
ने
जिस
भी
पार्टी
का
साथ
दिया,
वह
चुनाव
जीती
है।
'कांग्रेस
अपने
तो
डूब
रही
है,
हमको
भी
डुबा
देगी'
पीके
बोले,
'17
में
एक
चुनाव
यूपी
हार
गए।
कांग्रेस
के
साथ
कर
रहे
थे।
इसलिए
तय
कर
लिया
कि
कांग्रेस
के
साथ
काम
नहीं
करेंगे।
ऐसी
पार्टी
है
जो
खुद
तो
सुधरती
नहीं....हालांकि
बड़ा
सम्मान
है
कांग्रेस
के
लिए....लेकिन
अभी
की
जो
कांग्रेस
की
व्यवस्था
है...अपने
तो
डूब
रही
है,
हमको
भी
डुबा
देगी।'
वे
यहीं
नहीं
रुके
और
यहां
तक
कहा
कि
'10
साल
में
11
चुनाव
से
जुड़े,
लेकिन
एक
ही
चुनाव
हारे
यूपी
में....वो
कांग्रेस
के
साथ
हारे।
इसलिए
तय
किया
कि
इन
लोगों
के
साथ
कभी
काम
नहीं
करेंगे।
क्योंकि,
इसने
मेरा
ट्रैक
रिकॉर्ड
खराब
कर
दिया।'
प्रशांत किशोर पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के वैशाली स्थित आवास से अपनी जन सुराज यात्रा की शुरुआत करने पहुंचे थे। 1977 में बिहार के बक्सर में जन्मे पीके के बारे में कहा जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी चुनावी रणनीति बनाई थी। हालांकि,उन्होंने अपनी सफलता की लिस्ट में इसका जिक्र नहीं किया है।
#WATCH | From 2011-2021, I was associated with 11 elections and lost only one election that is with Congress in UP. Since then, I've decided that I will not work with them (Congress) as they have spoiled my track record: Poll strategist, Prashant Kishor in Vaishali, Bihar (30.05) pic.twitter.com/rQcoY1pZgq
— ANI (@ANI) May 31, 2022