युवकों ने फोन कर एसपी को दी गाली लेकिन बदले में मिला वो सम्मान, जिनका अंदाजा उनको भी नहीं था
किशनगंजः बिहार में कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए लॉकडाउन का असर गरीब तबकों के लोगों पर ज्यादा पड़ रहा है। ताजा मामला किशनगंज का है, जहां लॉकडाउन के चलते परेशान कुछ लड़कों ने पुलिस अधीक्षक को फोन कर गालियां दीं। हालांकि गालियों के बदले में उन्हें जो सम्मान मिला, उससे वे हैरत में पड़ गए। दरअसल, परेशान युवकों ने किशनगंज के एसपी को इसलिए गालियां दीं कि ताकि इस अपराध में उन्हें जेल भेजा जा सके, जहां कम-से-कम रहने की व्यवस्था और भोजन तो मिले। उन्हें रहने-खाने की सुविधा मिली। हालांकि उन्हें इस मामले में जेल नहीं हुई।
बीते गुरुवार की शाम को किशनगंज के एसपी कुमार आशीष को एक अनजान शख्स ने फोन किया और गालियां देनी शुरू कर दी। एसपी ने धैर्य से पूरी गालियां सुनी और विनम्रता से उसकी समस्या के बारे में पूछा। मालूम हुआ कि बिहार के नवादा जिले से आठ मजदूर पैसे और भोजन के बिना पिछले तीन दिनों से गुजरात के सूरत में फंसे हुए हैं। उन युवकों ने सोचा कि किसी अधिकारी अथवा एसपी को गाली दें तो जेल जाना पड़ेगा। जेल में जिंदा रहने के लिए भोजन तो मिल ही जाएगा।
घटना की जानकारी देते हुए एसपी ने बताया कि समस्या उनके जिले की नहीं थी, ना ही वे फोन करने वालों से परिचित थे, इस कारण उन्होंने उनका नाम-पता नहीं पूछा। इसके बाद उन्होंने तुरंत नवादा के डीएम यशपाल मीणा को इसकी जानकारी दी। डीएम ने परेशान युवकों की यथासंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया। शुक्रवार को नवादा डीएम ने बिहार निवासी गुजरात के विभिन्न अधिकारियों के वॉट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से संपर्क किया।
इसके बाद उन्होंने झारखंड के रहने वाले व्यवसायी अशोक केजरीवाल से संपर्क साध, जो कि सूरत में रहते हैं। अशोक केजरीवाल सभी आठ मजदूरों को आवश्यक देखभाल के लिए सूरत में अपने फार्म हाउस पर ले गए। उन्हें खाना-आवास की सुविधा दी, साथ में कुछ पैसे भी दिए।
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