दिल्ली से पैदल घर जा रहे जिस युवक की वाराणसी में हुई मौत, उसके परिजनों ने कहा- पैसे नहीं हैं, कैसे आएं
बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल का रहने वाला युवक दिल्ली से घर जाने के लिए पैदल चला लेकिन भूख से वाराणसी में उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों से जब पुलिस ने बेगूसराय फोन कर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वाराणसी आने के लिए उनके पास पैसे तक नहीं हैं। परिजन नहीं आ पाए तो पुलिस-प्रशासन ने शव का अंतिम संस्कार कराया।
दरअसल, पूरा मामला यह है कि बिहार के बेगूसराय के रामजी महतो तीन अप्रैल को दिल्ली से पैदल अपने घर के लिए निकले थे। लेकिन 16 अप्रैल को वाराणसी में चलते-चलते उनकी मौत हो गई। बदनसीबी का आलम यह था कि जिन घर वालों तक पहुंचने के लिए रामजी पैदल निकल पड़े थे, उनके पास शव लेने और दाह संस्कार करने तक के पैसे नहीं थे।
वाराणसी पुलिस ने दाह संस्कार किया। मामला उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र का है। रोहनिया थाने में तैनात चौकी इंचार्ज गौरव पांडेय ही वे व्यक्ति थे जो रामजी महतो (45) से आखिरी बार मिले थे। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल को सुबह छह बजे मुझे पता चला कि एक मजदूर सड़क पर गिरा है। जब उसके पास पहुंचा तो उसकी सांसे बहुत तेज चल रही थीं। मैंने तुरंत एंबुलेंस बुलाया, लेकिन एंबुलेंस वाला देखते ही डर गया। उसे लगा कि कहीं ये इसे कोरोना तो नहीं है।
उन्होंने बताया कि मैंने रिक्वेस्ट करके किसी तरह सावधानी से उन्हें एंबुलेंस में लिटाया ही था कि मजदूर की सांसे थम गईं। वे आगे बताते हैं, इसके बाद मैंने उनके परिजन के घर फोन किया था तो उन्होंने कहा कि हम यहां अकेले हैं और हमारे पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वहां तक आ पाएंगे। हमने रामजी महतो का कोरोना टेस्ट भी कराया जो कि निगेटिव निकला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी आई नहीं है। रिपोर्ट के बाद ही पता चला पायेगा कि मौत की मुख्य वजह क्या है।
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