भारत बंद कार्यक्रम से नदारद रहे तेजस्वी तो JDU ने कहा- बहुरूपिये ने फिर से अपना रंग दिखाया
पटना। केंद्र के नए कृषि कानून को लेकर बीते मंगलवार को देश भर में भारत बंद बुलाया गया था। इस दौरान बिहार के भी सभी जिलों में भारत बंद कार्यक्रम का मिला जुला असर दिखा। प्रदेश में महागठबंधन में शामिल भाकपा माले, सीपीआई, सीपीएण के साथ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर नजर आए। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह थी कि महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव कहीं नहीं नजर आए, जिसको लेकर जदयू ने निशाना साधा है।
भारत बंद से नदारद होने पर जदयू ने तेजस्वी यादव को आड़े हाथों ले लिया। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजनीति के बहरूपिया तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपना रंग दिखाया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संकल्प लिया। मचिया पर बैठकर अपने बुजुर्ग नेता को अपमानित किया और आंदोलन के दिन फरार हो गए।
कविता के जरिये नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि लालू के दागी लाल ने कर दिया कमाल, छोड़ा मैदान और हो गए अंतर्धान। हम करेंगे मस्ती, तुम करो ड्यूटी। जनता से हमें क्या लेना-देना हम तो चलेंगे सिर्फ भ्रष्टाचार, परिवारवाद और वंशवाद की राजनीतिक चाल। वहीं राजद ने तेजस्वी यादव को बचाव करते हुए कहा कि उनके निर्देश पर ही राजद के कार्यकर्ता और पदाधिकारीगण भारत बंद को सफल बनाने में लगे हुए थे।
हमारा मकसद था गांव को बंद करवाना। तेजस्वी यादव की कामयाबी रही कि ऐतिहासिक बंद रहा। तेजस्वी यादव निजी कारणों से नहीं आ पाए, लेकिन राजद का एक-एक कार्यकर्ता तेजस्वी यादव के सिपाही बनकर खड़े थे।
वहीं कांग्रेस नेता प्रवीण कुशवाहा ने कहा कि यह खामी ढूंढना ठीक नहीं है। किसानों के लिए पूरा बिहार सड़कों पर उतर आया, जिस तरह से बंद था आप समझ सकते हैं कि लोग किसानों के लिए किस तरह से आंदोलन में साथ देने को तैयार हैं। नेता प्रतिपक्ष गायब हो गए, यह शब्द गलत है। वह कहीं और रहे होंगे। बता दें कि भारत बंद कार्यक्रम से दो दिन पूर्व तेजस्वी यादव ने कहा था कि किसानों के लिए अगर सरकार मुझे फांसी पर लटका देगी तो मंजूर होगा।