भागलपुर हिंसा: 14 दिनों के लिए जेल भेजे गए मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित, समर्थकों ने लगाए जय श्रीराम के नारे
पटना। बिहार के भागलपुर के नाथनगर हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे और भाजपा नेता अर्जित शाश्वत ने शनिवार की रात सरेंडर कर दिया। जिसका बाद उन्हें गिरफ्तार कर भागलपुर कोर्ट में पेश किया गया जहां ये उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं, अर्जित शाश्वत प्रकरण पर भागलपुर एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनायी गयी थीं। हमें अर्जित की गतिविधि की सूचना मिली और सर्विलांस पर हमें उनकी योजना मालूम हुई।
जिसके आधार पर अंतत: पटना स्टेशन के गोलंबर के पास हमने उन्हें गिरफ्तार किया। भागलपुर एसएसपी ने कहा कि अर्जित शाश्वत के खिलाफ एफआइआर दर्ज है। कोर्ट ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। गिरफ्तारी के बाद अर्जित शाश्वत ने एक बार फिर सफाई दी है। शाश्वत का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश के तहत सभी झूठे आरोप लगाए गए हैं। गिरफ्तारी के वक्त अर्जित के समर्थकों ने 'जय श्रीराम' के नारे लगाए। वहीं गिरफ्तारी के बाद सांसद पिता से मिलने वाली मदद को लेकर सवाल के जवाब में अर्जित शाश्वत ने कहा, 'वो मुझे क्यों नहीं बचाएंगे, पिता का काम होता है कि सही काम में बच्चे का साथ देना। अगर मैं गलत होता, तो मेरे पिता कभी सामने नहीं आते।'
#Bhagalpur violence case: Arijit Shashwat sent to 14-day judicial custody, he had surrendered last night. (File Pic) #Bihar pic.twitter.com/3PvDzyueJk
— ANI (@ANI) April 1, 2018
क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि अर्जित शाश्वत की अगुवाई में एक जुलूस के दौरान तेज संगीत बजाये जाने पर कुछ लोगों की आपत्ति के बाद 17 मार्च को भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भागलपुर के नाथनगर थाने में दो एफआइआर दर्ज करायी गयी थी। इन एफआइआर में से एक में शाश्वत के अलावा आठ अन्य लोगों का नाम था। हिंदू कैंलडर के मुताबिक, नये साल के उपलक्ष्य में कथित तौर पर बिना अनुमति के यह जुलूस निकाला जा रहा था। संघर्ष में दोनों तरफ से पत्थरबाजी, आगजनी और गोलीबारी की घटना में दो पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गये थे।