Bhopal Tiger News : भोपाल में फिर टाइगर की दहशत, सर्चिंग में लगी वन विभाग की टीम, ट्रैप कैमरे में कैद
भोपाल के शहरी क्षेत्र में टाइगर का फिर मूवमेंट दिखाई दिया है। खबर के बाद एक बार फिर वन विभाग का अमला अलर्ट पर आ गया है। 2 दिन पहले ये टाइगर वाल्मी की पहाड़ियों पर घूमते हुए नजर आ रहा था। वे ट्रैप कैमरे में कैद भी हुआ था।
राजधानी भोपाल के शहरी क्षेत्र में टाइगर का फिर मूवमेंट दिखाई दिया है। खबर के बाद एक बार फिर वन विभाग का अमला अलर्ट पर आ गया है। 2 दिन पहले ये टाइगर वाल्मी की पहाड़ियों पर घूमते हुए नजर आ रहा था। वे ट्रैप कैमरे में कैद भी हुआ था। यहां वन विभाग की टीमें लगातार सर्चिंग कर रही हैं। लेकिन अब तक किसी के शिकार या हमले की खबर नहीं है। दूसरी तरफ मैनिट की बाउंड्री वॉल के छेदों को ठीक कर दिया गया और पेट्रोलिंग ट्रक भी बनाया जा रहा है। ताकि, फिर से टाइगर मैनिट में एंट्री ना कर सके।
वाल्मी की पहाड़ी और कलियासोत डैम के आसपास बाघों का मूवमेंट अक्सर देखने को मिलता रहता है। बाघ के मूवमेंट के एरिया में वाल्मी के आसपास का काफी इलाका है। यहां ट्रैप कैमरे लगे हुए हैं। जिसमें टाइगर दिखाई दिया था। इसके चलते यहां पर सर्चिंग की जा रही है। बताया जा रहा है कि वाल्मी के परिसर में झाड़ियों में कुछ हलचल दिखाई दी। ध्यान से देखने पर मौके पर बाघ दिखा। जिसके बाद सभी लोग वहां से दूर हो गए। चौकीदार द्वारा दी गई जानकारी के बाद वाल्मी के अधिकारियों ने वन विभाग के अमले को जानकारी दी। इसके बाद अमले ने मौके पर पहुंचकर बाग की तलाश शुरू की इसके पूर्व पिछली बार बाघ का मूवमेंट मैनिट परिसर में भी देखने को मिला था।
पहले भी अलग-अलग जगहों पर दिखाई दिए हैं टाइगर
इससे पहले पिछली बार बाघ का मूवमेंट अक्टूबर माह में मैनिट परिसर में देखने को मिला था। जहां टाइगर करीब 15 दिनों तक रहा था। इस दौरान दहशत का माहौल बन गया था। मैनिट कैंपस में छात्रों को हॉस्टल के अंदर ही रहने को कहा गया था। वन विभाग ने से 17 अक्टूबर को पकड़कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेज दिया था। इससे पहले फरवरी 2022 में राजा भोज यूनिवर्सिटी में भी टाइगर को देखा गया था। दिसंबर 2021 में बाघ ने एक घोड़े का शिकार भी किया था। भोपाल के कलियासोत केरवा समरधा और भानपुर में भी बाघों का मूवमेंट देखने को मिला है।
वन विभाग के डीएफओ ने दी जानकारी
वही वन विभाग के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि वाल्मी या आसपास के क्षेत्रों में बाघ या किसी दूसरे वन्य प्राणियों के भ्रमण की जानकारी वन विभाग के पास नहीं है। क्योंकि वाल्मी और उससे सटे हुए क्षेत्रों में बाघ या दूसरे वन्य प्रणालियों की मौजूदगी पूर्व से है, इसलिए यह कभी भी दिखाई देते हैं। वन्य कर्मियों को गस्त के लिए चौकन्ना कर दिया गया है।
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