MP में एक ऐसा स्कूल जहां तीन बच्चों को पढ़ाते हैं 3 शिक्षक, लेते हैं इतने लाख सैलरी
सतना 3 अगस्त। जिले में सैकड़ों स्कूल ऐसी है जहां शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। बिरसिंहपुर तहसील के हरदुआ माध्यमिक स्कूल में 3 शिक्षक मिलकर तीन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शिक्षा की इस सरकारी ढर्रे और बदहाल स्थिति ने पूरे एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां माध्यमिक विद्यालय का भविष्य खतरे में नजर आता है। इस मामले में जिम्मेदार भी जमकर कोताही बरत रहे हैं। इस वजह से क्षेत्र में स्कूली शिक्षा के बुरे हाल हैं।
3 छात्रों पर 3 शिक्षक पदस्थ
इस विद्यालय में 3 शिक्षक पदस्थ है, जिसमें प्रधानाध्यापक पद पर विनीता सिंह और सहायक शिक्षक अशोक तिवारी एवं प्राथमिक शिक्षक रामप्रभा त्रिपाठी हैं। विद्यालय में तीनों शिक्षकों की वेतन के रूप में सवा लाख से अधिक मिल रहा है। वही विद्यालय में अध्ययनरत वर्ष 2020 -21 और 2022 के अनुसार छात्र संख्या 3 है। वर्तमान समय में इस विद्यालय में अभी कोई भी नए सत्र में प्रवेश नहीं लिया है।
स्थानी ग्रामीण प्रशांत सिंह के अनुसार
इस मामले पर स्थानीय लोगों की मानें तो विगत कई महीनों से यह विद्यालय बंद पड़ा हुआ है। जब कभी इसका ताला कुछ समय के लिए खुलता भी है और उसी प्रकार फिर से बंद हो जाता है। यहां कोई भी छात्र पढ़ने नहीं आता है और ना ही कोई शिक्षक विद्यालय आते।
चुनाव के बाद से नहीं खुला स्कूल
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद से इस विद्यालय में अभी तक ताला लटका हुआ है। वही विद्यालय में पदस्थ शिक्षक शासन से मोटी रकम उठाकर अपने जीवन का आनंद उठा रहे हैं, ऐसे में यह शिक्षक शासन को बेहद नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी को यह दिखाई नहीं दे रहा है, उनकी आंखों में पट्टी बनी हुई है।
संकुल प्रभारी ने झाड़ा पल्ला
विद्यालय के संकुल प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता ने वनइंडिया हिंदी को बताया गया कि हरदुआ विद्यालय में वर्तमान में तीन शिक्षक पदस्थ हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनीता सिंह हैं। पिछले सत्र में विद्यालय में छात्र संख्या तीन थी, इसके अलावा नए सत्र में छात्रों का प्रवेश अभी नहीं हुआ। विद्यालय खुलने का समय 10:30 का है लेकिन शिक्षकों को 10:15 में अपने विद्यालय में उपस्थित दर्ज कराना अनिवार्य है। विद्यालय में ताला लगा होने पर संकुल प्रभारी ने शिक्षकों की लापरवाही बताया, विद्यालय में शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए छात्र संख्या अधिक हो लेकिन ऐसा नहीं है तो वह इसके लिए दोषी हैं, शासन ने जो उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है उसमें अपने कार्य के प्रति उनकी लापरवाही है, लेकिन वहां पर शिक्षकों के द्वारा लापरवाही तो की जा रही है।
प्रत्येक माह सवा लाख खर्च
अगर तीनों शिक्षकों की वेतन देखी जाए तो लगभग सवा लाख से ऊपर उनको वेतन प्राप्त हो रही है, विद्यालय में ताला लगा होने पर संकुल प्रभारी अपना अलग राग अलाप रहे हैं 1 तो खुद वहां पर सब लापरवाही बता रहे हैं और फिर वह अपना पल्ला झाड़ते हुए कह रहे हैं कि हम मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे अगर विद्यालय में ताला लगा है तो उसे देखूंगा।
30 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक। नियमानुसार विद्यालयों में 30 बच्चों पर 1 शिक्षक होना चाहिए। हालांकि, बच्चों की उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों की तैनाती दी जाती है लेकिन बिरसिंहपुर क्षेत्र में इस नियम का खुला उल्लंघन हो रहा है।