भोपाल वन विहार में तेंदुए राजू की हार्ट अटैक से मौत, मां के त्यागने पर इंसानों ने पाला था
राजधानी के वन विहार नेशनल पार्क में एक स्वस्थ नर तेंदुए की हार्ट अटैक से मौत हो गई। दोपहर में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। तेंदुए का नाम राजू था
भोपाल, 10 सितंबर। राजधानी के वन विहार नेशनल पार्क में एक स्वस्थ नर तेंदुए की हार्ट अटैक से मौत हो गई। दोपहर में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। तेंदुए का नाम राजू था और उसकी उम्र 11 साल थी।। बता दे भोपाल वन विहार में करीब 1 साल में 4 से अधिक तेंदुए की मौत हो चुकी है। कुछ की मौत अंगों के फेल होने से हुई, तो कुछ उम्रदराज हो गए थे। पार्क में इनकी संख्या तेजी से कम होती जा रही है।
वन विहार में अब 8 तेंदुए ही बचे है। वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि राजू नाम का तेंदुआ करीब 11 साल का था इसे 20 जुलाई 2014 को महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी वन मंडल से लाया गया था। उम्र को देखते हुए उसे तेंदुए बाड़े में रखा गया था। इसका पोस्टमार्टम वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ अतुल गुप्ता और एसओएस वाइल्ड लाइफ के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ रजत कुलकर्णी ने किया। तेंदुए का विस्तार वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक लैब जबलपुर भेजे गए हैं। जब इस तेंदुए को वन विहार लाए थे। तब उम्र 3 साल थी। राजू की खासियत यह थी कि जब ये तेंदुआ शावक था, तब इसकी मां ने इसे त्याग दिया था। इसे इंसानों ने पाला और इसका नाम राजू रखा गया।
वन विहार में पहली बार इतने छोटे बाघ के शव का हुआ ऑपरेशन
भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में पहली बार इतनी कम उम्र के बाघ शावक का सफल ऑपरेशन हुआ है आमतौर पर दूसरे बने प्राणियों के ऑपरेशन होते रहते हैं। पूर्व में कम उम्र के तेंदुए शावकों के भी ऑपरेशन हो चुके हैं। लेकिन इस बार सबसे कम उम्र के बाघ शावक का ऑपरेशन किया गया। जिसे रेस्क्यू करके छिंदवाड़ा से लाया गया था। कॉर्पोरेशन वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉक्टर अतुल गुप्ता व राज्य पशु चिकित्सक डॉ सुनील कुमार तुमडिया के नेतृत्व में किया गया। जैसे शावक पिंजरे में बैठा तो, मशीन सहित उसे बाहर खींच लिया गया था। 26 अगस्त को उसे वन विहार नेशनल पार्क में सब किया गया था पार के डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार का कहना है कि चावल की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।
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