व्यापमं घोटाले में फंसे शिवराज देखिए जनता को बुद्धु समझते हैं
राज्य में पिछले वर्ष नवंबर मे हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की थी और इस जीत का सारा श्रेय शिवराज सिंह चौहान के खाते में गया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि भाजपा ने चौहान का चेहरा ही सामने करके चुनाव लड़ा था, इसके बाद के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपनी बढ़त बरकरार रखते हुए कांग्रेस को और बुरी स्थिति में पहुंचा दिया। इस जीत को नरेंद्र मोदी के पक्ष में राष्ट्रव्यापी हवा की परिणति माना गया।
बचने की हड़बड़ाहट में ही शिवराज ने कर दी इतनी बड़ी चूक
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों के जवाब में कांग्रेस काल में हुई नियुक्तियों की सच्चाई सामने लाने एक पुस्तक व्यापमं का सच प्रकाशित की। इसमें वह बड़ी चूक कर गई और अपने ही दल के नेता रघुनंदन शर्मा के बेटे नरेंद्र की नियुक्ति को फर्जी बता डाला। बाद में पार्टी की ओर से सफाई दी जा रही है।
यह होगी भाजपा की नीति
राज्य में भाजपा की राजनीति अब भी शिवराज के चेहरे के इर्दगिर्द ही घूम रही है। पिछले कुछ अरसे में ऐसे विवादित मामले आए हैं, जिनकी आंच सीधे तौर पर चौहान पर पड़ी है, लिहाजा इसी बीच तीन विधानसभा क्षेत्रों विजय राघौगढ़, बहोरीबंद और आगर के चुनाव 21 अगस्त को होने तय हुए हैं। चुनाव में कांग्रेस जहां शिवराज को घेरने की कोशिश करेगी, वहीं भाजपा अपनी उपलब्धियां गिनाएगी।
व्यापमं
घोटाले
के
बाद
शिवराज
की
हालत
राज्य
में
इन
दिनों
सबसे
ज्यादा
व्यावसायिक
परीक्षा
मंडल
(व्यापमं)
द्वारा
आयोजित
की
जाने
वाली
परीक्षाओं
में
गड़बड़ियों
का
मुद्दा
छाया
हुआ
है।
इस
गड़बड़ियों
ने
भाजपा
नेताओं
से
लेकर
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक
संघ
के
पदाधिकारियों
तक
को
संदेह
के
घेरे
में
ला
दिया
है।
सरकार के एक पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से लेकर भाजपा से करीबी रखने वाले कई अफसर और दलाल जेल में है। भाजपा के नेता और खनन कारोबारी सुधीर शर्मा फरार चल रहा है।
लोक सेवा आयोग में भी धांधली भारी पड़ी
एक तरफ व्यापमं को लेकर सरकार उलझन में थी, तभी कांग्रेस ने लोकसेवा आयोग की परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री चौहान की भांजी रितु चौहान के चयन पर सवाल उठा दिए। व्यापमं और पीएएसी की गड़बड़ी को कांग्रेस ने मुद्दा बनाने की कोशिश की है, इतना ही नहीं इसको लेकर कांग्रेस निचले स्तर पर आंदोलन कर रही है।
अब क्या होगा
व्यापमं और पीएससी परीक्षा के मुद्दे गर्म हैं तथा इस बीच विधानसभा के उपचुनाव सामने आ गए है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और तीन-चार दिन में ही उम्मीदवारों का एलान कर दिया जाएगा। कांग्रेस चुनाव में भाजपा काल की तमाम गड़बड़ियों को जनता के सामने लेकर जाएगी।
हम विकास के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी का कहना है कि उनकी पार्टी पिछले चुनावों की तरह उपचुनाव भी सुशासन व विकास के मुद्दों पर लड़ेगी, जहां तक व्यापमं के घोटाले की बात है तो भाजपा की सरकार ने ही है जिसने इसे सामने लाया है। सरकार का काम होता है कि गड़बड़ियां न होने दे, अगर हो तो दोषियों पर कार्रवाई हो। भाजपा ने इन गड़बड़ियों को पकड़ा और दोषियों को जेल भेजा। अब कोशिश यही होगी कि ये गड़बड़ियां आगे न हों।
शिवराज के लिए लिटमस टेस्ट
वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरिया का कहना है कि यह चुनाव भाजपा-कांग्रेस के लिए अहम तो है मगर शिवराज के लिए लिटमस टेस्ट है, क्योंकि व्यापमं और पीएससी घाटाले से उनकी छवि पर कितनी आंच आई तथा जनता पर इसका कितना असर हुआ यह चुनाव नतीजे तय करेंगे।
राज्य में उपचुनाव की तरीखों के ऐलान के साथ दोनों दलों में सरगमी तेज हो गई है। दोनों ओर से वार-पलटवार की तैयारी चल रही है, देखना है कि भाजपा का सुशासन और कांग्रेस के घपलों घोटालों के आरोपों के बीच होने वाले चुनाव के नतीजे शिवराज की लोकप्रियता को कहां लाकर खड़ा करते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।