Digvijay Singh के लिए BJP विधायक और मंत्री ने की चिंता, दिग्विजय को स्टीयरिंग कमेटी में 29वें स्थान पर रखा
दिग्विजय सिंह की चिंता करने वाले सिर्फ कांग्रेस में नहीं बल्कि भाजपा में भी मौजूद हैं। स्टीयरिंग कमेटी को लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को नजरअंदाज किया गया। वो तो एंड मौके पर किसी को याद आ गया
दिग्विजय सिंह की चिंता करने वाले सिर्फ कांग्रेस में नहीं बल्कि भाजपा में भी मौजूद हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भोपाल में हुजूर से भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि वैसे तो उनका और दिग्विजय सिंह का राजनीति में छत्तीस का आंकड़ा है, लेकिन प्रदेश के 10 साल मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह का इतना अपमान जिंदगी में कभी नहीं हुआ, जितना कांग्रेस पार्टी ने किया है। दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के 10 साल मुख्यमंत्री रहे। जब कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कोई नहीं मिल रहा था तो दिग्विजय सिंह आगे आए। कांग्रेस पार्टी के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहने वाले दिग्विजय सिंह को सोनिया गांधी ने नजरअंदाज किया है।
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दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस पार्टी की स्टीयरिंग कमेटी की घोषणा की है। इसमें दिग्विजय सिंह का नाम भी शामिल है। दिग्विजय सिंह का नाम इस लिस्ट में 29 पर नंबर पर है। जिसको लेकर पूर्व प्रोटेम स्पीकर और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को नजरअंदाज किया गया। वो तो एंड मौके पर किसी को याद आ गया, इसलिए दिग्विजय सिंह का नाम जोड़ दिया। इस दौरान विधायक शर्मा ने दिग्विजय सिंह व्यंग भरे अंदाज में तंज भी कसा। उन्होंने जो दिग्विजय सिंह पाकिस्तान से संवाद करता है इस्लाम की कट्टरता को जेहाद के रूप में जिंदा रखने का काम करता है। ऐसे दिग्विजय सिंह का कांग्रेस पार्टी ने अपमान किया है।
मंत्री विश्वास सारंग ने भी स्टीयरिंग कमेटी पर निशाना साधा
वही मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी स्टीयरिंग कमेटी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि स्टीयरिंग कमेटी में दिग्विजय सिंह को 29 वें नंबर पर रखकर उनकी बेइज्जती हुई। इस बेज्जती के बाद उन्हें कमेटी से इस्तीफा दे देना चाहिए। मंत्री सारंग ने मजाकिया अंदाज में कहा कि कांग्रेस की नई स्टेयरिंग कमिटी में मम्मी, बेटा-बेटी है लेकिन जीजा जी छूट गए। जब जीजा को छोड़ दिया गया तो किसी को भी छोड़ा जा सकता है।
दिग्विजय सिंह का बढ़ा कद
जबकि बुद्धिजीवी वर्ग इसे दिग्विजय सिंह का बढ़ा हुआ कद बता रहा है। वरिष्ठ पत्रकार सरवन नजले ने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 47 सदस्यों की कार्य संचालन समिति (स्टीयरिंग कमिटी) का गठन किया। इस समिति में प्रदेश से सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को शामिल किया गया, जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान से कांग्रेस के चार नेताओं को जगह मिली है। इस समिति में प्रदेश से युवा नेताओं को नजरअंदाज किया गया है। राहुल गांधी के करीबी जीतू पटवारी, अरुण यादव को भी इसमें जगह नहीं मिली। लेकिन राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को इसमें शामिल करके खड़गे ने बता दिया कि उनका कद पार्टी में बढ़ा है।