bhind news: मप्र खाद्य विभाग की जांच में पूरी तरह खरा नहीं उतरा पतंजलि शहद
Bhind में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा लिए गए पतंजलि शहद के नमूने में शहद अमानक स्तर का पाया गया है। इस बात का खुलासा जांच रिपोर्ट में हुआ है। भिंड के खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए शहद के सैंपल को जब लैब में टेस्ट करवाया गया तो सैंपल फेल हो गया। शहद को अमानक स्तर का पाया गया है। इस शहद के सैंपल की जांच एक नहीं बल्कि 2 अलग-अलग प्रयोगशाला में करवाई गई थी।

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2020
में
लिया
गया
था
पतंजलि
के
शहद
का
नमूना
खाद्य
सुरक्षा
विभाग
द्वारा
साल
2020
में
पतंजलि
शहद
का
नमूना
लिया
गया
था।
इस
नमूने
को
जांच
के
लिए
भोपाल
स्थित
राज्य
प्रयोगशाला
में
भेजा
गया
था।
शहर
के
झांसी
मोहल्ला
में
स्थित
एक
एजेंसी
से
शहद
का
यह
नमूना
लिया
गया
था
जो
भोपाल
की
लैब
में
फेल
पाया
गया
और
शहद
को
अमानक
स्तर
का
पाया
गया।
दूसरी
बार
मैसूर
की
प्रयोगशाला
में
भेजा
गया
शहद
का
नमूना
भिंड
की
खाद
सुरक्षा
विभाग
द्वारा
पतंजलि
के
शहद
का
नमूना
दूसरी
बार
मैसूर
स्थित
केंद्रीय
प्रयोगशाला
में
भेजा
गया।
यहां
भी
जांच
के
बाद
पतंजलि
के
शहद
को
अमानक
स्तर
का
पाया
गया
जिसकी
रिपोर्ट
नवंबर
2022
को
आई
थी।
हाइड्रोक्सी
मिथाइल
फरफ्यूरल
की
मात्रा
पाई
गई
अधिक
प्रयोगशाला
में
जांच
में
पाया
गया
कि
पतंजलि
के
शहद
में
हाइड्रोक्सी
मिथाइल
फरफ्यूरल
की
मात्रा
अधिक
है।
खाद्य
सुरक्षा
अधिकारी
भिंड
श्री
अवनीश
गुप्ता
ने
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
1
किलो
ग्राम
पतंजलि
के
शहद
में
इसकी
मात्रा
80
मिलीग्राम
होनी
चाहिए
थी
जबकि
1
किलोग्राम
पतंजलि
के
शहद
में
इसकी
मात्रा
203
मिलीग्राम
पाई
गई
इसी
वजह
से
पतंजलि
के
शहद
को
अमानक
स्तर
का
पाया
गया
और
जांच
रिपोर्ट
में
इस
बात
का
खुलासा
किया
गया।
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