मोदी सरकार की शौचालय निर्माण योजना में भिंड में सामने आया बड़ा घोटाला
big scam in modi government's toilet construction scheme in bhind
भिंड, 29 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुरू की गई शौचालय निर्माण योजना में भिंड जिले में बड़ा घोटाला सामने आया है। भिंड में कागजों में शौचालय निर्माण दिखाकर बड़ा घोटाला कर दिया गया। इससे संबंधित याचिका ग्वालियर हाईकोर्ट में लगाई गई तो ग्वालियर हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच के आदेश दिए, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी घोटाले की विस्तृत जांच नहीं की गई और न ही घोटाला करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
ऐंहतार गांव में सामने आया घोटाला
मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के खाते में ₹12000 की राशि भेज कर ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में शौचालय का निर्माण होना था, लेकिन भिंड जिले में इस योजना के नाम पर बड़ा घोटाला कर दिया गया। इसका खुलासा ऐंहतार गांव में हुआ, जहां डेढ़ सौ परिवारों के नाम पर कागजों में शौचालय निर्माण करवाया गया और लाखों रुपया फर्जी तरीके से निकाल लिया गया।
विनोद नाम के ग्रामीण ने बताई पूरी जानकारी
ऐंहतार गांव के रहने वाले विनोद ने बताया कि उनके घर शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। उन्होंने जब शौचालय निर्माण करवाने के लिए ग्राम पंचायत में संपर्क किया तो सरपंच और सेक्रेटरी द्वारा बताया गया कि उनके यहां शौचालय निर्माण हो चुका है और उनके खाते में राशि भी जारी हो चुकी है। यह सुनकर विनोद हैरान रह गया। विनोद ने बताया कि उनके यहां तो शौचालय बना ही नहीं है लेकिन ग्राम पंचायत ने दो टूक कह दिया कि तुम्हारे नाम से तो पैसे पहुंच चुके हैं।
बिना शौचालय के ग्रामीण हो रहे हैं बहुत परेशान
विनोद ने बताया कि शौचालय निर्माण नहीं हुआ है इस वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं उन्हें रात के वक्त शौच जाना होता है तो परेशानी आती है, घर की लड़कियों को भी बाहर शौच भेजने में दिक्कत आती है, खुद भी बुजुर्ग होने की वजह से बाहर शौच जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसके बावजूद हाथों में लोटा लेकर पूरा परिवार खेत में शौच के लिए जाता है।
गांव के जागरूक ग्रामीण ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका
ऐंहतार गांव के ही जागरूक ग्रामीण ओम नारायण शर्मा ने इस घोटाले को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की। इस याचिका में उल्लेख किया गया कि अकेले ऐंहतार गांव में ही डेढ़ सौ परिवारों के नाम से शौचालय निर्माण बताकर लाखों रुपए का गबन कर लिया गया है।
हाईकोर्ट ने विस्तृत जांच करने के दिए थे आदेश
ग्वालियर हाई कोर्ट में दायर अपील पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में विस्तृत जांच करने के आदेश दिए। साथ ही घोटाला करने वालों से रिकवरी करने के आदेश भी दिए लेकिन इन आदेशों का पूर्ण रुप से पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह का घोटाला भिंड जिले समेत पूरे प्रदेश में हुआ है जबकि सिर्फ ऐंहतार गांव की जांच कर ली गई लेकिन घोटाला करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
कोर्ट की अवमानना को लेकर फिर भी सुनवाई
याचिकाकर्ता ने एक बार फिर से ग्वालियर हाई कोर्ट में पहुंचकर कोर्ट की अवमानना को लेकर केस दायर किया। इस पर ग्वालियर हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए भिंड कलेक्टर से पूरी जांच रिपोर्ट तलब की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि ठीक ढंग से जांच नहीं हो रही है और केस सभी कोर्ट में विचाराधीन है।
मोदी सरकार की योजना को भिंड में लगा दिया गया पलीता
मोदी सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य था कि खेत-खलियान में लोटा लेकर जाने वाले लोग अपने घर में ही बने शौचालय में शौच के लिए जाएं, जिससे खेत-खलियान स्वच्छ बने रहें और हर तरफ स्वच्छता ही नजर आए। लेकिन भिंड में हुए इस शौचालय घोटाले की वजह से आज भी भिंड के कई गांव के ग्रामीण हाथों में लोटा लेकर खेत में शौच करने के लिए जाने को मजबूर हैं, जो इस बात को बताता है कि दिल्ली से शुरू होने वाली योजनाएं जनता के पास पहुंचते-पहुंचते किस तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं।