राडार कंट्रोलर की सतर्कता से बेंगलुरू में टला बड़ा विमान हादसा, आखिरी समय पर मुड़ा प्लेन सैकड़ों की बची जान
बेंगलुरू, 19 जनवरी। इंडिगो एयरलाइंस के दो विमान की आपस में टकराने से बाल-बाल बच गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार 7 जनवरी को केंपागोड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो इंडिगो के विमान अगल-बगल के रनवे पर थे और दोनों को टेक ऑफ करने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। सौभाग्य से राडार कंट्रोलर ने इस बड़ी गलती को पकड़ लिया और तुरंत दोनों ही पायलट को अलर्ट किया, जिसके बाद एक विमान अचानक से बाएं मुड़ा और दूसरा विमान दाएं मुड़ा जिससे बड़ा हादसा टल गया। रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय प्रशासन की इसकी जानकारी डीजीसीए को नहीं दी ताकि वह जांच और सजा से बच सके।
जांच
के
आदेश
दिए
गए
सिविल
एविएशन
के
डायरेक्टर
जनरल
अरुण
कुमार
ने
इस
मामले
को
गंभीरता
से
लिया
है।
इस
मामले
में
जांच
के
आदेश
दे
दिए
गए
हैं,
जो
भी
इसके
लिए
जिम्मेदार
पाया
जाएगा
उसके
खिलाफ
सख्त
कार्रवाई
की
जाएगी।
रिपोर्ट
के
अनुसार
दोनों
ही
विमानों
के
बीच
की
दूरी
काफी
कम
थी।
बेंगलुरू
एयरपोर्ट
पर
एक
ही
समय
पर
दो
विमान
उड़ान
नहीं
भर
सकते
हैं
क्योंकि
दोनों
रनवे
के
बीच
पर्याप्त
दूरी
नहीं
है
और
ना
ही
एक
ही
समय
प
दो
विमान
यहां
पर
लैंड
कर
सकते
हैं।
यही
वजह
है
कि
दो
विमानों
के
बीच
उड़ान
और
लैंडिंग
के
बीच
एक
निश्चित
समय
का
अंतराल
रखा
जाता
है।
एक
ही
ओर
आ
रहे
थे
विमान
डीजीसीए
के
एक
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
बताया
कि
7
जनवरी
को
यह
घटना
सामने
आई
थी,
जब
विमान
संख्या
6E-455
कोलकाता
जाने
वाली,
6E-246
भुवनेश्वर
जाने
वाली
फ्लाइट
एक
ही
समय
पर
उड़ान
भरने
की
अनुमति
दे
दी
गई।
उस
सुबह
बेंगलुरू
एयरपोर्ट
के
नॉर्थ
रनवे
प
टेक
ऑफ
और
साउथ
रनवे
प
लैंडिंग
की
अनुमति
दी
गई
थी।
।
लेकिन
बाद
में
शिफ्ट
इंचार्ज
ने
फैसला
लिया
कि
सिर्फ
एक
ही
रनवे
का
इस्तेमाल
किया
जाएगा।
नॉर्थ
रनवे
को
लैंडिंग
और
टेक
ऑफ
के
लिए
रखा
गया
था।
इस
दौरान
साउथ
रनवे
को
बंद
रहना
था,
लेकिन
साउथ
टावर
कंट्रोलर
को
इसकी
जानकारी
नहीं
दी
गई।
जिसके
चलते
साउथ
कंट्रोलर
ने
कोलकाता
के
विमान
को
उड़ान
की
अनुमति
दे
दी।
जिसकी
वजह
से
दोनों
विमान
एक
ही
समय
पर
एक
दूसरे
की
ओर
आने
लगे।
लेकिन
राडार
कंट्रोलर
ने
सही
समय
पर
दोनों
विमान
की
दिशा
को
बदला
और
हवा
में
बड़ा
हादसा
टल
गया।
घटना
को
रिपोर्ट
नहीं
किया
गया
चौंकाने
वाली
बात
यह
है
कि
एयरपोर्ट
अथॉरिटी
ऑफ
इंडिया
को
इस
घटना
के
बारे
में
जानकारी
नहीं
दी
गई
और
ना
ही
इसे
लॉकबुक
में
रजिस्टर
किया
गया।
बेंगलुरू
एयरपोर्ट
के
अधिकारी
ने
बताया
कि
दोनों
विमान
एक
ही
ओर
से
थे,
जबतक
वह
3000
फीट
की
ऊंचाई
तक
पहुंचे
दोनों
ही
विमान
के
पायलट
को
इसकी
जानकारी
नहीं
थी।
सौभाग्य
से
बेंगलुरू
एयरपोर्ट
के
ग्राउंडर
राडार
कंट्रोलर
ने
समय
पर
विमान
को
देखा
और
पायलट
को
इस
बारे
में
अलर्ट
किया।
जिसके
बाद
कोलकाता
का
विमान
बाएं
मुड़
गया
और
दूसरा
विमान
दाएं
मुड़
गया
और
बड़ा
हादसा
टल
गया।
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