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बेंगलुरु में कोरोना का कहर: श्मशान पर रात 2 बजे तक कतारें, लोगों को टोकन देने पड़ रहे

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बेंगलुरु, अप्रैल 21: कर्नाटक राज्‍य की राजधानी बेंगलुरु में कोरोना के कारण 5,300 से ज्‍यादा मौतें हो चुकी हैं। बीते रोज ही 92 मौतें दर्ज की गईं। यहां श्मशान घाटों पर मृतकों के अंतिम संस्‍कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, क्‍योंकि काफी तादाद में लाशों को लाया जा रहा है। हालत यह हैं कि, लोगों को कतार में जगह देने के लिए टोकन देने पड़ रहे हैं। बीते सोमवार को शाम 5.30 बजे यहां के एक प्रमुख श्मशान पर उसके निर्धारित समय से पहले ही 14 दाह संस्कार किए जा चुके थे, जबकि छह शव श्मशान के प्रवेश द्वार पर खड़ी एम्बुलेंस में रखे हुए थे।

यह हकीकत थी दक्षिण बेंगलुरु के होसापल्या श्मशान घाट की, जहां सोमवार की देर शाम लाशें लेकर आईं एम्बुलेंस की पंक्ति लगी हुई थी और काफी देर से इंतज़ार कर रहे ड्राइवरों के एक समूह ने कतार फांदकर दूसरे एम्बुलेंस चालक को रोका।

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Covid-19 Bengaluru: Pyres till 2 am at crematoriums token for queues, people wait for the funeral at crematorium

बेंगलुरु नगर निगम का होसपाल्या इलेक्ट्रिक श्मशान शहर के सात श्मशानों में से एक है, जिसे राज्य सरकार ने कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित किया है। यहीं पर कतार में लगे कर रहे एक एम्बुलेंस चालक रुद्रेश एस ने कहा, "हमें शवों को लाने से पहले सात से आठ घंटे इंतजार करना पड़ता है।" उन्‍होंने बताया कि, श्मशान के कर्मी एक टोकन सिस्‍टम शुरू कर चुके हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हिसाब से शवों का अंतिम संस्कार किया जाए।

श्मशान में कार्यरत एक कार्यकर्ता चंद्र कुमार ने कहा, "हम पहले आओ-पहले-निपटो सिस्‍टम फॉलो कर रहे हैं। कल 31 शव थे जिनका अंतिम संस्कार किया जाना था। श्‍मशान रात 2 बजे तक सक्रिय था और सुबह 5 बजे फिर खुल गया। हम देख रहे हैं अक्टूबर 2020 से, एक या दो कोविद के शरीर को हर दिन दाह संस्कार के लिए लाया जा रहा था, लेकिन अब संख्या दहाई अंकों में है।"

कोरोना से मौतों का रिकॉर्ड देखें तो पाएंगे कि अगस्त-सितंबर 2020 में महामारी की पहली लहर चरम पर थी। जबकि बेंगलुरु ने सितंबर 2020 में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान प्रति मिलियन आबादी पर 261 मौतें दर्ज की थीं और अब राज्य की 188 प्रति मिलियन की तुलना में प्रति मिलियन जनसंख्या में 521 मौतें दर्ज हो रही हैं। सोमवार को, बेंगलुरु में 97 मौतें हुईं, जबकि दूसरी लहर इस साल 23 मार्च के आसपास शुरू हुई। उस समय तक, मौत का आंकडा 10 से 20 के बीच था। यानी रोज काफी लोग मर रहे हैं। हालांकि, शहर में मृत्यु दर (सीएफआर या पुष्टि के प्रतिशत के रूप में मौतें) पिछले साल के 2 प्रतिशत के स्तर से 19 अप्रैल तक घटकर 1 प्रतिशत हो गई है।

Covid-19 Bengaluru: Pyres till 2 am at crematoriums token for queues, people wait for the funeral at crematorium

मार्च के अंत से कोरोना के मामलों में तेजी के कारण बेंगलुरु के अस्पताल भी भारी दवाब में हैं। 19 अप्रैल को, बेंगलुरु में 1,03,178 सक्रिय मामले थे, जो कि राज्य के 1,42,084 सक्रिय मामलों के लगभग 72 प्रतिशत थे। दक्षिण बेंगलुरु के एक निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक वरिष्ठ प्रोफेसर का कहना है कि, "हमने इस सप्ताह कोरोना रोगियों के लिए एक नया विंग खोला। दो घंटे के भीतर, सभी 100 बेड ले लिए गए। आज हमने गैर-कोविड रोगियों को लेने से रोकने का फैसला किया है। हालात यह हैं कि, आईसीयू में कोई बेड उपलब्ध नहीं है।"

उन्‍होंने कहा, "सरकार को कुछ दिनों के लिए विक्टोरिया अस्पताल और जयदेव अस्पताल जैसी फैसेलिटी प्रदान करने की आवश्यकता है। इस तरह, हमें कम से कम 300 और आईसीयू बेड मिलेंगे। यह भी देखें कि बेंगलुरु की स्थिति दिल्ली और मुंबई से भी बदतर होने जा रही है, जहां बेड-क्षमता अधिक है। साधनों की पूर्ति करने के साथ ही हमें जल्द कोरोना मामलों में 50 फीसदी की कमी लाने की जरूरत है।"

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार शाम तक बेंगलुरु के 291 आईसीयू वेंटिलेटर बेड में से 97 प्रतिशत व्‍यस्‍त थे और 17 सरकारी अस्पतालों और 69 निजी अस्पतालों में एक उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) में 2,673 ऑक्सीजन युक्त बेड के 90 प्रतिशत बुक हो चुके थे। ये नगर निगम द्वारा प्रदान किए गए।

उधर, कर्नाटक सरकार ने संकट से निपटने के उपायों को तय करने के लिए मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक की। जिसमें राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक ने संकेत दिया कि सरकार आर्थिक गतिविधि को प्रभावित करने वाले लॉकडाउन को लागू किए बिना लोगों से कोविड गाइडलाइंस का पालन कराएगी। लोगों की भीड़ नहीं लगने दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर सीमित लॉकडाउन लगेगा।

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Covid-19 Bengaluru: Pyres till 2 am at crematoriums token for queues, people wait for the funeral at crematorium
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