क्या यूपी में होने वाली है शराबबंदी? राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के एक बयान ने ला दिया सियासी भूचाल
राज्यपाल प्रदेश के लोगों से शराब नही पीने के लिए संकल्प लेने की अपील कर रही है। राज्यपाल का मंच से दिया गया यह बयान तब चर्चा का विषय बन गया जब यूपी सरकार शराब बिक्री से मिलने वाले आर्थिक लाभ को राजस्व का लाभ बताती है
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का मंच से छात्र छत्राओं को सम्बोधित करते हुए एक वीडियो सामने आया है। सम्बोधन का वीडियो यूपी के बलिया में बसन्तपुर स्थित जन नायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह की है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन का संबोधन बिहार के सीएम नीतीश कुमार और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के विचारों से मेल खाता है। जहां राज्यपाल प्रदेश के लोगों से शराब नही पीने के लिए संकल्प लेने की अपील कर रही है। राज्यपाल का मंच से दिया गया यह बयान तब चर्चा का विषय बन जाता है, जब उत्तर प्रदेश सरकार शराब बिक्री से मिलने वाले आर्थिक लाभ को राजस्व का लाभ बताती है और उत्तर प्रदेश में शराब प्रदेश सरकार के आदेश पर धड़ल्ले से बेची और खरीदी जाती है।
प्रदेश सरकार को शराब बिक्री से मिला रहा है मोटा राजस्व
एक तरफ यूपी सरकार प्रदेश के सभी जिलों में आबकारी विभागों को शराब बेचकर मोटा राजस्व देने का टारगेट देती है। वही बात बलिया की करे तो यहां जनसँख्या से ज्यादा शराब की बिक्री है। आबकारी विभाग के अधिकारी की माने तो यदि समय पर सरकारी शराब बेचने वाला दुकानदार टारगेट को नही पूरा करता है तो उसकी आरसी कटती है और फिर कार्रवाई होती है। यूं तो बलिया बिहार का बार्डर है और बिहार में शराब प्रतिबंधित है, नतीजन बलिया को शराब तस्करी में महारत हांसिल है। वही अवैध कच्ची शराब पुलिस के नाक के नीचे बनती है। हालांकि बिहार की एक घटना ने बिहार समेत पूरे देश को हैरानी में डाल दिया कि जहां शराब पीना और बेचना प्रतिबंधित है, उस बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की जान चली गई। इस घटना ने न केवल बिहार सरकार पर सवाल खड़े किए बल्कि शराब तस्करी और कच्ची शराब बनाने में महारथ हांसिल बलिया को भी कटघरे में खड़ा कर दिया।
कब होगा ये सब बन्द - राज्यपाल
दूसरी तरफ बलिया में राज्यपाल का सम्बोधन कई सवालों को जन्म दे रहा कि क्या यूपी में शराब बन्द होना चाहिए? जबकि योगी सरकार प्रदेश में शराब बड़े पैमाने पर बिकवा रही है। बता दें कि यूपी में शराब बंदी की मांग सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी की थी। जब कामयाबी नही मिली तो उन्होंने योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भाजपा से गठबंधन भी तोड़ा दिया था। वही बिहार के बाद यूपी में भी जगह- जगह शराब बंदी की मांग लोगो द्वारा उठाई गई थी। खासकर महिलाओं ने इसे बंद करने के लिए सरकार से गुहार लगाई लेकिन कोई सफलता नही मिली।
Recommended Video
आदत लग जाती है तो इसके बिना नही चलती है - राज्यपाल
वही
उत्तर
प्रदेश
की
राज्यपाल
चुटकी
लेते
हुए
मंच
से
कहती
है
संकल्प
लीजिये
कि
'खाइये
लेकिन
पीजिए
मत,
इधर
तो
ज्यादा
है,
ये
नही
होना
चाहिए,
सबको
पता
है,
लेकिन
चस्का
है
चस्का।'
उन्होंने
कहा
कि
'हमारी
सेहत
की
बर्बादी
कर
देता
है,
उसके
बाद
बच्चे
बड़े
होते
है,
तो
वो
भी
वो
काम
करते
रहते
है।'
इसके
आगे
उन्होंने
अपने
भाषण
में
सवाल
उठाते
हुए
कहा,
'बन्द
कब
होगा
ये
सब',
एक-एक
व्यक्ति
को
संकल्प
लेना
होगा
कि
मेरे
घर
मे
ऐसा
नही
होना
चाहिए,
कहा
मां
तो
चाहती
है
कि
घर
मे
नही
होंना
चाहिए
ऐसा,
लेकिन
आदत
लग
जाती
है
तो
इसके
बिना
नही
चलती
है।'
आनंदी
बेन
पटेल
का
यह
बयान
राजनीतिक
गलियारों
में
चर्चा
का
विषय
बन
गया
है
कि
अब
तो
राज्यपाल
भी
खुले
मंच
से
प्रदेश
में
शराबबंदी
पर
बिहार
के
सीएम
नीतीश
कुमार
और
सुभासपा
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
ओमप्रकाश
राजभर
के
साथ
खड़ी
है।
अब
सवाल
उठता
है
कि
क्या
राज्यपाल
का
ये
संबोधन
केवल
उत्तर
प्रदेश
की
जनता
को
ज्ञान
देने
तक
सीमित
है
या
सीएम
योगी
भी
प्रदेश
में
शराबबंदी
को
लेकर
विचार
करेंगे।
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