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नहीं मिली एंबुलेंस तो बीमार पत्नी को ठेले पर अस्पताल ले गया बुजुर्ग, फिर भी नहीं बच सकी जान

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बलिया, 05 अप्रैल: प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भले ही लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का है। यहां एक बुजुर्ग पति को अपनी बीमार पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए जब कोई साधन उपलब्ध नहीं हुआ तो वो ठेले पर लेकर चार किमी दूर चिलकहर पीएचसी गया।

ambulance was not found, the elderly person took wife to the hospital on a handcart

पीएचसी से बुजुर्ग महिला को जिला अस्पताल बलिया रेफर कर दिया गया, जिसके बाद सुकुल प्रजापति ने पैसों का इंतजाम किया और टेम्पो से अपनी पत्नी को जिला अस्पताल पहुंचाया। इसके बावजूद भी सुकुल प्रजापति की पत्नी की जान नहीं बची। हद तो यह कि लाश को जिला अस्पताल से घर ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं मिली।
विवश होकर 11 सौ रुपये किराया देकर निजी एम्बुलेंस से पत्नी की लाश लेकर घर लौट सका।

बुजुर्ग पति द्वारा अपनी पत्नी को ठेले पर लेटाकर अस्पताल तक जाने का वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। तो वहीं, अब वायरल हुई फोटोज और वीडियो का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट तलब की है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर बुजुर्ग द्वारा अपनी पत्नी को ठेले पर लेकर जाने का जो वीडियो वायरल हुआ है वो 28 मार्च का है।

यह मामला बलिया जिले के चिलकहर ब्लाक के अन्दौर गांव का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुकुल प्रजापति की पत्नी 55 वर्षीय जोगनी की तबियत 28 मार्च को खराब हो गई थी। उन्हें अस्पताल तक जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला, लिहाजा ठेला पर ही पत्नी को लिटाकर तीन किमी दूर पीएचसी चिलकहर पहुंचे। सुकुल ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र पर कुछ दवाएं देकर डॉक्टर ने जिला अस्पताल ले जाने को कहा। रास्ते में पियरिया के पास पत्नी को ठेला पर ही छोड़कर वह पैदल घर आ गये।

पैसे-कपड़े आदि लेकर वापस पत्नी के पास पहुंचे। वहां से टेम्पो से पत्नी को जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान कुछ लोगों ने ठेले से ले जाते हुए फोटो खींच लिया औऱ उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। हालांकि, इलाज के दौरान जोगनी की मौत हो गयी। मीडिया कर्मियों से बातचीत में सुकुल ने बताया कि रात में करीब 11-12 बजे मौत के बाद लाश ले जाने के लिए अस्पताल वालों से एम्बुलेंस मांगा गया तो उन्होंने रात में वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होने का हवाला दे दिया।

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विवश होकर 1100 रुपये में निजी एम्बुलेंस किराए पर किया और लाश को लेकर घर आया। तो वहीं, ठेले पर पत्नी को अस्पताल ले जाते सुकुल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया। साथ ही इस मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। वहीं, बलिया के सीएमओ डॉक्टर नीरज पांडे का कहना है कि पीएचसी चिलकहर के गेट तक मरीज को लेकर परिजन गए थे। इसके बाद जिला अस्पताल ले गया, जहां मौत हो गई। पूछने पर उसने बताया कि एंबुलेंस के लिए फोन नहीं किया था।

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English summary
ambulance was not found, the elderly person took wife to the hospital on a handcart
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