मिट्टी, कंकड़-पत्थर खाकर 100 साल की उम्र तक स्वस्थ हैं यह महंत, सब जानकर हैरान
Amethi news, अमेठी। अन्न खाकर तो हर कोई जीता है लेकिन, आपने कंकड़ और पत्थर खाकर किसी इंसान को जीते देखा सुना भी नहीं होगा। लेकिन अमेठी के महात्मा सती प्रसाद सौ वर्ष की जिंदगी में नदी का पानी, नदी की बालू, कंकड़ और मिट्टी खाकर व्यतीत कर रहे हैं। जिसे देखकर सभी दंग रह गए।
अमेठी के ग्रामसभा गौरा प्राणी पिपरी में जन्मे सती प्रसाद महाराज की सौ साल की जिंदगी में कोई तीर्थ स्थल ऐसा बाकी नहीं जहां वह दर्शन के लिए नहीं पहुंचे हों। नेपाल, भूटान और बर्मा जैसे देशों की वो पैदल यात्रा कर चुके हैं। आमतौर से वो गोमती नदी के किनारे ही निवास करते हैं। खाने के स्थान पर वो अपने जीवन का आधे से ज्यादा हिस्सा कंकड़, पत्थर, मिट्टी, बालू खाकर बिता गए और किसी प्रकार की बीमारी व परेशानी तक नहीं हुई बल्कि आजतक वो पूर्णतया स्वस्थ हैं।
स्थानीय लोगों की मानें तो 100 वर्ष की अवस्था में आज भी वो दिन में एक से दो बार कंकड़-पत्थर का सेवन करते हैं। 100 साल की उम्र में झुकी हुई कमर हाथ में लाठी, कंकड़-पत्थर खाकर उनकी चाल में कोई लचक नहीं है। जो इलाके भर में चर्चा का विषय बना है।
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