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Rahul Yadav RDS: छोटे से गांव से बड़े कारनामे करने वाला लड़का, साइबर सिक्योरटी-एप्स से लोगों को स्मार्ट बनाया

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अलवर। छोटे-छोटे गांवों से ऊंची उड़ान भरने की चाह रखने वाले युवा हमारे देश का सुनहरा-भविष्‍य हैं। ऐसे युवा अपने क्रिया-कलापों, तकनीक-निर्माण या इंटरनेट के जरिए ही सफलता के झंडे नहीं गाढ़ रहे, बल्कि पुलिस और इंटेलीजेंस के साथ मिलकर साइबर-सुरक्षा करने में भी दिन-रात जुटे रहते हैं। राजस्‍थान के अलवर के रहने वाले राहुल यादव ऐसे ही युवा हैं, जिन्‍होंने अपनी प्रतिभा की बदौलत चौंका देने वाले बहुत से काम किए। जिनके लिए राहुल को सामाजिक स्‍तर सम्‍मानित किया गया, नामचीन अफसरों द्वारा सराहा गया व अवार्ड दिया गया।

छोटे से गांव से किए बड़े कारनामे

छोटे से गांव से किए बड़े कारनामे

राहुल साइबर क्राइम इंवेस्टिगेटर के रूप में काम कर रहे हैं। वह देश की भीतरी और बाहरी दोनों तरह के साइबर-अपराधों से बचाव करने के लिए जुटे रहते हैं। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की जांच-पड़ताल करते हुए उन्‍हें सिक्‍योरटी दिलाई। साथ ही अपराधियों के खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज कराईं। वह 'इंडियन साइबर ट्रूप्‍स' नामक ऐसे ग्रुप से जुड़े, जिसने पाकिस्‍तानी हैकर्स के जवाब में वहां की 200 से ज्‍यादा वेबसाइट्स हैक कर लीं। उन वेबसाइट्स पर उन्‍होंने भारतीय तिरंगा, भगवान राम के चित्‍र एवं अन्‍य प्रतीक चिह्न अंकित कर दिए। इससे पाकिस्‍तानी साइबर-सिक्‍योरटी एजेंसियों में तहलका मच गया।

साइबर-सिक्‍योरटी का 'लड़ाका'

साइबर-सिक्‍योरटी का 'लड़ाका'

'इंडियन साइबर ट्रूप्‍स' के बारे में राहुल ने बताया कि, हम और हमारे कुछ साथी इसके जरिए देश को साइबर-हमलों से सुरक्षित करना चाहते हैं। यह ऐसी टीम है जो लोगों को न सिर्फ साइबर-सिक्‍योरटी देती है, बल्कि उन्‍हें जागरुक भी करती है। देश में होने वाले अपराधों को रोकने में भी इसकी भूमिका रही है। जब भारतीय वेबसाइट्स पर में पाकिस्‍तानी हैकर्स के हमले होते थे, तो कुछ विद्यार्थियों को बड़ी ठेस पहुंचती थी। ऐसे में उन्‍होंने कई तरह की ट्रेनिंग लेकर, ऐसा समूह बनाया जो हैकिंग से बचा सके। बकौल राहुल, ''अधिकारिक-तौर पर सरकार ऐसी एजेंसी गठित नहीं करती, जो हैकिंग करें। यदि पुलिस-डिपार्टमेंट की तरह एक साइबर-डिपार्टमेंट भी, जो सिर्फ साइबर-एक्सपर्ट्स के द्वारा ही देखा जाए तो हमारे जैसे युवा अपने कौशल का बेहतर इस्‍तेमाल करते। हालांकि, पुलिस और इंटेलीजेंस समय-समय पर तारीफ करते रहती हैं।'

पाकिस्‍तानियों के छक्‍के छुड़ाए

पाकिस्‍तानियों के छक्‍के छुड़ाए

राहुल ने कहा, 'इंडियन साइबर ट्रूप्‍स' देशभक्‍तों का ऐसा समूह है, जो भारतीयों को साइबर-अपराधों से बचाने की कोशिश करता रहता है। यह समूह पाकिस्‍तानियों के नापाक-इरादों का मुंहतोड़ जवाब है। पाकिस्‍तान की एक बड़ी न्‍यूज-संस्‍था 'डॉन टीवी' भारत के खिलाफ बुरी खबरें दिखाती थी, तो इंडियन हैकर्स उसके लाइव-स्‍क्रीनिंग में तिरंगा झंडा फहराता हुआ दिखा दिया। जिससे दर्शकों को टीवी स्क्रीन के बीच में तिरंगा साफ दिखा। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि ये कैसे हुआ। इसके बाद 'स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं' वाला मैसेज भी दिखने लगा। काफी देर तक चैनल हैकर्स के कब्जे में रहा। इस दौरान कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

  • - स्वतंत्रता दिवस-2020 के मौके पर इंडियन हैकर्स ने पाकिस्‍तान की 100 से ज्‍यादा वेबसाइट्स को हैक कर लिया था। तब साइटों के इंटरफेस को 'जय हिंद' लिखे देखा गया। साथ ही अंशुल सक्सेना, सनी नेहरा व जोकर की तस्वीरें दिखने लगीं। वे हक्‍के-बक्‍के रह गए। पाकिस्‍तानी साइबर-सिक्‍योरटी की बहुत मशक्‍कत के बावजूद कुछ वेबसाइट अभी तक रिकवर नहीं हो पाई हैं।
इंडियन साइबर ट्रूप्स का मकसद

इंडियन साइबर ट्रूप्स का मकसद

- साइबर क्राइम रोकना। सोशल मीडिया यूजर्स को पाकिस्तानी फिशिंग से बचाना।
- स्पेस में होने वाले साइबर अटैक रोकने की कोशिश करना। इंडियन ट्रूप्स इसके लिए कई उपकरण इस्तेमाल करती है।
- इंडिया को डिजिटल लेवल पर सेफ रखना। इसके लिए लोगों को जागरुक किया जाता है।
- पाकिस्तानी हैकर्स के जवाब में वहां की वेबसाइट्स हैक कर भारतीय प्रतीक चिह्न अंकित कर देना।
- इंटेलिजेंस ब्यूरो के आॅपरेशंस में मदद करना।

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'आरडीएस एजुकेशन' शुरू किया

'आरडीएस एजुकेशन' शुरू किया

राहुल ने उदयपुर स्थित सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की। बाद में अपने कुछ इनोवेशन पर काम करने के लिए उन्‍होंने कॉलेज ड्राॅप भी कर दिया। उन्‍होंने अपने दोस्‍तों देवेंद्र और साहिल के साथ 'आरडीएस स्‍मार्ट टेक' शुरू की। इसके अलावा उन्‍होंने स्‍टूडेंट्स और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए 'आरडीएस एजुकेशन' कंपनी भी बनाई। 'आरडीएस एजुकेशन' के प्‍ले-स्‍टोर पर 100 से ज्‍यादा एंड्रायड एप्लिकेशन बनाए। जिसमें 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों का पूरा कोर्स रखा। इसका गांव-देहात के बच्‍चों को बड़ा फायदा हुआ। कोरोना-लॉकडाउन के समय जब महीनों तक स्‍कूल बंद रहे तो हजारों विद्यार्थियों ने उनके एप्लिकेशन से अपनी पढ़ाई जारी रखी। राहुल ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए भी क्लासेस वाले एप्स बनाए। उनके फ्री-एप्स को 15 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया। उनके 1 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हो गए।

एंटी-थेप्‍ट डिवाइस बनाया

एंटी-थेप्‍ट डिवाइस बनाया

राहुल यादव ने 'आरडीएस स्‍मार्ट टेक' भी विकसित की। उनके द्वारा किसी अपार्टमेंट को चोरों से बचाने के लिए एंटी थेप्ट डिवाइस बनाया गया। जिससे चोरियां रोकी जा सकती हैं। साथ ही उन्‍होंने कूलर को एसी जैसा बना डाला। उनका यह कूलर ऐसा था, जिसकी स्‍पीड कमरे में मौजूद तापमान के साथ कम-ज्‍यादा होती थी। जिसका वीडियो यूट्यूब पर लोगों ने देखा तो हैरान रह गए। इसके लिए राहुल को स्‍थानीय स्‍तर पर नेताओं और संगोष्ठियों द्वारा सम्‍मानित किया गया। उन्‍हें दिल्‍ली, जयपुर, अलवर और गुरुग्राम में बुलाकर अवार्ड भी दिए गए।

'हर बार नया करने की ठानी'

'हर बार नया करने की ठानी'

राहुल कहते हैं, ''मुझे हमेशा कुछ हटकर करना अच्‍छा लगता है। हमने पर्यावरण की खातिर लोगों को "ग्रीन गमला" दिए। कुछ महिलाओं की शिकायतें मिलने पर उन्‍हें सोशल मीडिया पर सुरक्षा दिलाई। कई लड़कियां, जिनकी कुछ लोग फेक आईडी बनाकर ब्‍लैकमेल करते थे..अब नहीं करते, क्‍योंकि मैंने कई राज्‍यों की साइबर-सेल से संपर्क किया और वे पकड़े गए। मेरे इनोवेशन और कोडिंग के काम देखते हुए मुझे कई पुलिस अधिकारियों ने बुलाया..जहां से मैंने साइबर-क्राइम से निपटने पर काम शुरू किया। गुरुग्राम में कोडिंग सीखने गया। हरियाणा के वरिष्‍ठ आईपीएस अफसर पंकज नैन मिले। उन्‍हें मैंने अपना प्‍लान बताया। उन्‍हें साइबर-सिक्‍योरटी का तरीका पसंद आया।'

पुलिस अधिकारियों ने सराहा

पुलिस अधिकारियों ने सराहा

इसी तरह राजस्थान पुलिस के अधिकारी दिनेश एमएन, हरियाणा पुलिस के डीएसपी वीरेंद्र सिंह, होम मिनिस्‍ट्री के अधिकारी कपिल मीणा, वेस्‍ट दिल्ली पुलिस के एसीपी आशीष कुमार, भरतपुर पुलिस के अधिकारी (SSP) अमनदीप सिंह कपूर बातें हुईं और जरूरी काम किए। बीते 3-4 सालों में कई क्राइम इश्यु सुलझाने में विभिन्‍न आॅफिसर्स की मदद की है।

देशी 'जीपीएस चैट' मैसेंजर एप

देशी 'जीपीएस चैट' मैसेंजर एप

राहुल ने कहा, अभी हम लोगों को 'फिशिंग' से बचाने पर काम कर रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा और प्राइवेसी को ध्‍यान में रखते हुए देशी 'जीपीएस चैट' मैसेंजर एप विकसित कर रहे हैं। साथ ही 'ऑनलाइन इंडिया' एप भी तैयार कर रहा हूं। जिसमें यूजर्स मैसेज को डिलीट कर पाएंगे।'

राज्यवर्द्धन ने सम्मानित किया

राज्यवर्द्धन ने सम्मानित किया

केंद्रीय मंत्री रहे राज्यवर्द्धन राठौर ने राहुल की प्रतिभा को देखते हुए सम्मानित किया। उनके साथ होली भी खेली। राहुल स्पोर्ट्स-एक्टिवटीज से जुड़े एप पर भी काम क रहे हैं।

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English summary
Rahul Yadav RDS: a innovator from behror's village alwar, who works as Cyber expert, creates smart tech and android applications | know about Rahul Yadav
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