ALWAR : जिला कलेक्टर कार्यालय में MLA ने छह घंटे दिया धरना, भरतपुर जाने वाली ऑक्सीजन पर लगी रोक
अलवर, 4 मई। राजस्थान में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। खुद सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं कि वे ऑक्सीजन के लिए केंद्र सरकार से भीख मांगने को मजबूर हैं। इधर, अलवर शहर के विधायक संजय शर्मा को जिला कलेक्टर के चैंबर में छह घंटे तक धरना देना पड़ा है। विधायक ने अलवर जिला प्रशासन की ओर से ऑक्सीजन आवंटन प्रक्रिया का विरोध जताया था।
वहीं, धरना खत्म करने के बाद अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अलवर में कोरोना के पीड़ित मरीजों का इलाज भले ही वह अलवर से बाहर के और राज्य से बाहर के हो सबका इलाज होना चाहिए। ऑक्सीजन की कमी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को नहीं रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि मरीजों का जीवन बचाने के लिए वह इस धरने से भी बड़ा कदम उठा सकते हैं।
इधर अलवर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने बताया कि सिनर्जी स्टील प्लांट की ओर से 950 आक्सीजन सिलेंडरों की गैस उत्पादन प्रतिदिन की जा रही है, जिसमें 300 सिलेंडर भरतपुर ,200 सिलेंडर अलवर जिले को और अन्य धौलपुर दौसा जिले को आपूर्ति की जा रही है। भिवाड़ी से भी अलवर को गैस आपूर्ति हो रही है। अलवर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया कि राजकीय और निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन दी जा रही है और यह ऑक्सीजन एक फार्मूले के तहत आवंटित की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि भरतपुर को ज्यादा गैस आपूर्ति को लेकर संभागीय आयुक्त को अवगत करा दिया गया है और यह निर्णय संभाग आयुक्त और सरकार के स्तर पर है।
दरअसल, अलवर जिले के ऑक्सीजन प्लांटों से ऑक्सीजन भरतपुर, सवाईमाधोपुर, करौली सहित अन्य राज्यो में भी भेजी जा रही थी। अलवर के निजी और सरकारी अस्पतालों में गैस आपूर्ती की व्यवस्था डगमगा गई थी। कई मरीजों की मौत ऑक्सीजन को लेकर होने के मामले सामने आए थे। इस व्यवस्था में सुधार करने के लिए अलवर शहर विधायक संजय शर्मा सोमवार शाम करीब 5 बजे जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जमकर हंगामा किया। विधायक ने अलवर शहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग करते हुए चैंबर में जमीन पर धरने पर बैठ गए।
इस दौरान जिला कलेक्टर ने समझाइश का भी प्रयास किया। उसके बाद जिला कलेक्टर किसी काम से ऑफिस से बाहर चले गए। जिला कलेक्टर ने सारी जानकारी संभागीय आयुक्त को दी। उसके बाद रात करीब 11 बजे अलवर से भरतपुर भेजे जाने वाली ऑक्सीजन को रोके जाने पर सहमति बनी।