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Pulwama Attack: शहीद महेश की पत्नी बोली- दोनों बेटों को भेजूंगी सेना में, पाक से लूंगी बदला

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Prayagraj News, प्रयागराज। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में हुए आतंकी हमले में शहीद महेश कुमार यादव का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह उनके पैतृक घर प्रयागराज पहुंचा। शहीद महेश की पत्नी संजू पार्थिव को देखकर रोते हुए कहा कि उन्हें अपनी पति की शहादत पर फक्र है। लेकिन, वह अपने पति की शहादत को भूलेंगी नहीं। कहा कि वह अपने दोनों बेटों को सेना में भेजेंगी और पति की मौत का बदला पाकिस्तान से लेंगी।

घर आई शहादत की खबर

घर आई शहादत की खबर

पत्नी संजू जितनी बार भी बदहवाशी से होश में आती हैं, गम और दर्द के आंसू बेतहशा उनके चेहरे पर बहने लगते हैं। 3 दिन पहले ही महेश वापस जम्मू लौटे थे। उन्होंने पत्नी व बच्चों से जल्द वापस आने का वादा किया था। लेकिन, उनके कभी ना वापस आने की अब खबर आई है। बता दें कि शहीद महेश के दो बेटे हैं, समर 5 साल का है और साहिल 4 साल का है। घर पर जुटती भारी भीड़ और दहाड़ मारती चीखे देखकर दोनों विचलित है। मां के बहते आंसुओं को थामने के लिए वह कभी पास आ जाते हैं और खुद भी गमगीन हो जाते हैं। लेकिन, इन अबोध मासूमों को नहीं पता कि उन पर कौन सा कहर बरपा है। वह भारी भीड़-भाड़ से भौचक है कि आखिर क्या हो रहा है? उनकी आंखें हर किसी से सवाल जरूर कर रही हैं और इसका जवाब ना तो किसी के पास है और ना ही कोई देना चाहता है।

2008 में हुई थी शादी

2008 में हुई थी शादी

शहीद महेश की शादी संजू के साथ 2008 में हुई थी। उस वक्त संजू की भी उम्र काफी छोटी थी और महेश भी उस उम्र में फौज में जाने के लिए तैयारी कर रहे थे। घर में बड़ा होने और पारिवारिक जिम्मेदारी होने के कारण उनकी शादी कर दी गई थी। हालांकि शादी हो जाने के बाद भी महेश अपनी तैयारी में जुटे रहे और फौज में जाने की जिद पाले रखी। शादी के करीब 9 साल बाद सीआरपीएफ में महेश का चयन हुआ था। लोग इसे भाग्यशाली पत्नी की वजह बताया करते थे और महेश भी इस बात से खुश ही था। महेश का पूरा भरा पूरा परिवार था। बाबा, पिता, मां, भाई बहन हर कोई परिवार में भाई की उपलब्धि से खुश था। क्योंकि भाई महेश हमेशा से सेना में जाना चाहते थे।

3 दिन पहले बच्चों के साथ थे महेश

3 दिन पहले बच्चों के साथ थे महेश

मेजा के टूडिहार बदलपुर गांव में 3 दिन पहले तक महेश का बच्चों के साथ खेलना, बहन को दुलार करना और भाई के साथ अट्टहास गूंज रहा था लेकिन, आज सब कुछ बदल चुका है। हर तरफ गुस्सा, गम और मातम है। महेश के पिता राजकुमार मुंबई में रहकर टेंपो चलाते हैं। उनके दो बेटों में महेश बड़े थे और अभी मात्र 25 साल के थे। 3 दिन पहले वह अपनों के बीच थे और वह अब दुनिया में नहीं रहे इस बात का विश्वास किसी को नहीं हो रहा है।

दोनों बेटे को भेजूंगी सेना में

दोनों बेटे को भेजूंगी सेना में

गुमसुम रहने वाले महेश के दोनों बेटे भी कभी बुआ कभी दादी तो कभी मां से लिपट कर रोने लगते हैं। कभी खामोशी से एक किनारे खड़े हो जाते हैं तो उनकी सवाल पूछती आंखें देखकर हर कोई सिहर उठता है। चारों तरफ रुदन और गम के बीच पत्नी और मां भले ही रो-रोकर बेहाल हो लेकिन, जब भी उन्होंने मीडिया से बात की फक्र से महेश की शहादत पर गर्व प्रकट किया। मां शांति देवी कहती हैं की उनका बेटा सरहद पर शहीद हो गया है हमें फक्र हैं। वहीं, पत्नी कहती हैं कि उनकी मौत का बदला लेने उनके दोनों बेटे सेना में जाएंगे।

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English summary
Pulwama Attack: martyr Mahesh Kumar wife said, i will send my sons in army to revenge pakistan
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