प्रयागराज कुंभ 2019: जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े ने किया शाही स्नान, देखने के लिए उमड़ी भीड़
Allahabad News, इलाहाबाद। संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले में पहली बार किन्नर अखाड़े ने शाही स्नान किया। इससे पहले शाही स्नान के लिए निकले जूना अखाड़ा के संतों के साथ किन्नर अखाड़ा के संतों की छवि अपनी अलग ही छटा बिखेर रही थी। घाट पर संतों का दर्शन करने के लिए बेचैन श्रद्धालुओं का कौतूहल जूना अखाड़ा के संतों के साथ किन्नर अखाड़ा के संतों को देखकर दो गुना हो गया।
जूना अखाड़े में शामिल हुआ था किन्नर अखाड़ा
धर्म व समाज में उपेक्षित किन्नर को सम्मान देते हुए जूना अखाड़े ने 13 जनवरी को उन्हें अपने साथ जोड़ लिया। यमुना बैंक रोड स्थित जूना अखाड़े के मौज गिरि मंदिर में शनिवार की रात अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए। जूना अखाड़े की ओर से मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने हस्ताक्षर किये। जबकि किन्नर अखाड़ा की ओर से आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी सहित 20 संन्यासियों ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस तरह जूना में किन्नर अखाड़े का विलय हो गया।
अलग से नहीं होगी पेशवाई निकालने की अनुमति
बता दें कि शाही स्नान में आवाहन, अग्नि के बाद किन्नर अखाड़े के संन्यासी चलेंगे। लेकिन, किन्नर अखाड़े को अलग पेशवाई निकालने की अनुमति होगी। पेशवाई में जूना एवं अन्य अखाड़ों के महात्मा भी शामिल होंगे, जबकि जूना के कार्यक्रम में किन्नर संन्यासी पूरे सम्मान के साथ शामिल हो सकेंगे। आगामी कुंभ मेला में जूना के पास किन्नर अखाड़े का शिविर लगाया जाएगा। किन्नर संन्यासियों को जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि दीक्षित करेंगे।
किन्नर अखाड़े किया शाही स्नान
किन्नर अखाड़े में मंगलवार से पहले तक त्रिकाल संध्या स्नान की परंपरा रही है। जूना अखाड़े में विलय के बाद पहला मौका था जब किन्नर अखाड़े को शाही स्नान करना था। जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़ा शाही स्नान के लिए पहुंचा तो सेंटर ऑफ अट्रैक्शन हो गया। भीड़ अखाड़ा प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की एक झलक पाने को बेताब थी। सुबह गंगा पूजा किन्नर अखाड़ा के संतों ने शाही स्नान के दौरान की तो शाम को उन्होंने करीब साढ़े पांच बजे नागवासुकी घाट पहुंचकर त्रिकाल संध्या स्नान किया।
शाही स्नान कर रचा इतिहास
इसके साथ ही प्रयागराज की धरती पर किन्नर अखाड़े के शाही स्नान करने का इतिहास रच गया। शाम को किन्नर अखाड़ा के सभी संतों ने विधि विधान के साथ मां गंगा की पूजा अर्चना की और आर्शीवाद लिया। इस मौके पर अखाड़ा प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, भवानी, कामिनी, पवित्रा, वंशिका, पुष्पा, बंटी, पूजा, कमल, रश्मी, पायल, प्रांजल सहित अखाड़ा के अन्य संत मौजूद रहे। इन सभी से आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए पब्लिक बेताब रही।
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