UP Police में 3780 कांस्टेबलों की बिना कारण रोक दी प्रोन्नति, हाईकोर्ट ने दिए ये आदेश
Allahabad News इलाहाबाद। यूपी पुलिस में 3780 कांस्टेबलों की प्रोन्नति बिना किसी कारण के रोक दी गई है। जिससे वजह से सभी कांस्टेबल अब हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। हाईकोर्ट ने कांस्टेबलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए चेयरमैन पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि याचीगण की प्रोन्नति पर नियमानुसार विचार कर निर्णय लिया जाए।
क्या
है
मामला
गाजियाबाद,
नोएडा,
बुलंदशहर,
बनारस,
गोरखपुर
आदि
जिलों
से
शिवदास
यादव
सहित
करीब
40
याचिकाएं
इस
संबंध
में
हाईकोर्ट
में
दाखिल
हुई
थी।
याचिका
में
कहा
गया
है
कि
36513
आरक्षियों
की
वरिष्ठता
सूची
29
नवंबर
2017
को
जारी
की
गई
थी।
विभाग
ने
इसमें
से
29598
आरक्षियों
को
हेडकांस्टेबल
के
पद
पर
प्रोन्नत
कर
दिया।
835
लोगों
का
मामला
सील
कवर
लिफाफे
में
बंद
कर
दिया
गया
और
582
का
सर्विस
रिकॉर्ड
उपलब्ध
न
होने
के
कारण
प्रोन्नति
नहीं
दी
गई।
सूची
में
शेष
3780
आरक्षियों
को
प्रोन्नति
नहीं
दी
गई
और
न
ही
ऐसा
करने
का
कोई
कारण
बताया
गया।
क्या
हुआ
कोर्ट
में
बता
दें
कि
इस
मामले
की
सुनवाई
न्यायमूर्ति
यशवंत
वर्मा
की
एकलपीठ
में
हुई।
अधिवक्ता
की
दलील
थी
कि
याचीगण
30
जून
1993
और
चार
मई
1995
के
शासनादेशों
में
दी
गई
शर्तों
को
पूरा
करते
हैं।
इसके
मुताबिक
हेडकांस्टेबल
पद
पर
प्रोन्नति
के
सात
वर्ष
की
सेवा
होनी
चाहिए
और
प्रोन्नति
से
पूर्व
पांच
वर्ष
की
समयावधि
में
आरक्षी
के
विरुद्ध
कोई
विभागीय
या
दंडात्मक
कार्रवाई
न
की
गई
हो।
सेवा
नियमावली
में
यह
भी
नियम
है
कि
कोई
भी
दंडात्मक
कार्रवाई
पांच
वर्ष
के
बाद
प्रभावहीन
हो
जाती
है
और
प्रोन्नति
पर
उसका
प्रभाव
नहीं
पड़ता
है।
याचीगण
इन
सभी
शर्तों
को
पूरा
करते
हैं।