27 मुकदमों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे आजम, गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग
प्रयागराज। रामपुर से सांसद व समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगी है। दरअसल, आजम खान ने अपने खिलाफ दर्ज 27 मामलों में गिरफ्तारी पर रोक के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी। वहीं, कोर्ट ने आजम खान पर 27 मामलों में दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि 27 एफआईआर से जुड़े मामलों की सुनवाई एक ही अर्जी से नहीं हो सकती है। हर एफआईआर पर राहत पाने के लिए अलग-अलग अर्जी दाखिल करनी होगी।
29
अगस्त
को
होगी
अगली
सुनवाई
आजम
खान
की
ओर
से
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
दाखिल
की
गयी
याचिका
पर
न्यायमूर्ति
प्रीतिंकर
दिवाकर
तथा
न्यायमूर्ति
राज
वीर
सिंह
की
खंडपीठ
ने
सुनवाई
की।
याचिका
को
स्वीकार
करते
हुए
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
ने
इस
पर
अगली
सुनवाई
29
अगस्त
को
मुकर्रर
की
है।
हालांकि
आजम
खान
की
याचिका
पर
किसानों
की
ओर
आपत्ति
दर्ज
करायी
गयी
है।
किसानों
की
ओर
से
हाईकोर्ट
में
पेश
हुए
अधिवक्ता
विजय
गौतम
और
वीके
मिश्र
ने
दलील
देते
हुए
कहा
कि
चूंकि
आजम
खान
को
हर
मुकदमों
के
तहत
अलग-अलग
याचिका
दाखिल
करनी
थी
और
ऐसा
ना
किये
जाने
पर
याचिका
पोषणीय
नहीं
है
और
याचिका
खारिज
कर
दी
जानी
चाहिये।
इस
पर
उच्च
अदालत
29
अगस्त
को
अपना
फैसला
सुनायेगी।
वहीं
आजम
खान
के
वकीलों
ने
अदालत
के
आदेश
का
पालन
करते
हुए
जल्द
ही
27
अर्जी
दाखिल
करने
की
बात
कही
है।
क्या
है
मामला
रामपुर
में
आजम
खान
ने
जौहर
यूनिवर्सिटी
बनवाई
है।
इसी
यूनिवर्सिटी
को
बनवाने
में
जिस
जमीन
का
इस्तेमाल
किया
गया
है,
उसी
जमीन
को
लेकर
अब
विवाद
सामने
आया
है।
27
किसानों
ने
आजम
खान
पर
आरोप
लगाया
है
कि
उनसे
जबरन
जमीनें
ले
ली
गयी
हैं।
इसी
मामले
में
आजम
खान
पर
27
अलग
अलग
मुकदमे
दर्ज
किये
गये
हैं
और
इन
मुकदमों
में
गिरफ्तारी
से
बचने
के
लिये
आजम
खान
ने
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
की
है।
आजम
खान
की
ओर
से
कोर्ट
को
बताया
गया
है
कि
जमीनें
किसानों
से
नियमत:
ट्रस्ट
के
नाम
खरीदी
गई
हैं।
जो
भी
मुकदमे
दर्ज
किये
गये
हैं
सभी
राजनितिक
विद्वेष
के
कारण
दर्ज
हैं।
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